×
धर्म-कर्मधर्म-कर्म

आस्था के महा पर्व छठ का समापन : हजारों व्रतियों ने जल में खड़े होकर उगते सूर्य को दिया अर्घ्य, की मंगलकामनाएं

नोएडा (federal bharat news) : उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हो गया। नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा में बनाए गए घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई थी। छठी व्रतियों ने स्नान के बाद विधिपूर्वक  पूजना किया। उगा हो सूरज देव…गीत के बोलों के भगवान सभी के अराध्य भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर मंगल कामनाएं की। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत का समापन हुआ।
गुलाब की सुंगध से महक उठा पूरा स्टेडियम
नोएडा स्टेडियम में भारी सुरक्षा के बीच श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। भीड़ इतनी अधिक थी कि तिल रखने तक की जगह नहीं थी। सुबह से ही लाउडस्पीकरों से छठ मैया के गुणगान करते लोकगीत कानों में मधुरता घोल रहे थे। स्टेडियम में बनाया गया कृत्रिम घाट गुलाब के फूलों से महक रहा था। हवा में गुलाब की सुगंध एक अद्भुत माहौल पैदा कर रही थी। पुरुषों व बच्चों ने व्रतियों पर पुष्प वर्षा की।
सूर्य को अर्घ्य देते नजर आए श्रद्धालु
छठ महापर्व के मद्देनजर नोएडा स्टेडियम और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। सीसीटीवी कैमरों से चप्पे-चप्पे की निगरानी की व्यवस्था की जा रही थी। शुक्रवार की सुबह चार दिवसीय महापर्व के अंतिम दिन छठ पूजा पर्व पर कृत्रिम घाट पर उतरकर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व परिवार के लिए मंगलकामनाएं कीं। उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त प्रात 6.32 बजे था।
छठ में किस-किस का महत्व
सूप डाला: अर्घ्य में नए बांस में बनी सूप और डाला का इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता है कि सूप में वंश वृद्धि और उनकी रक्षा होती है।ईख : ईख को आरोग्यता का प्रतीक माना जाता है।
ठेकुआ : यह समृद्धि का सूचक माना जाता है।
ऋतु फल : ऋतु फल को इसमें फलदायी माना जाता है। इससे जीवन में विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है।

 

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close