दिल्ली एनसीआर में ग्रैप -3 लागू : जानिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा पर क्या पड़ेगा असर, वाहन चालकों की बढ़ेगी परेशानी ?
Noida News : दिल्ली की जहरीली हो रही हवा को देखते हुए ग्रैप-2 (Graded Response Action Plan) के बाद ग्रैप-3 के नियम आज (15 नवम्बर) से लागू कर दिए गए हैं। इसके लागू होने के बाद से सड़को पर डीजल वाहन नहीं दिखाई देंगे। ग्रैप-3 के तहत डीजल वाहनों की आवाजाही पर रोक है।
क्या है ग्रैप-3
ग्रैप-3 को जानने से पहले आप ग्रैप क्या है, इसे समझना जरूरी है। ग्रैप यानी ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’। इसके कई चरण होते है। स्थिति के अनुसार यह लागू किए जाते हैं। AQI का स्तर 200 के पार जाने पर ग्रैप का पहला चरण लागू होता है। वहीं, इसके 300 के पार जाने पर दूसरा और 400 के पार जाने पर तीसरा चरण लागू होता है। AQI 450 के पार जाने पर ग्रैप का चौथा चरण लागू हो जाता है। ग्रैप के हर चरण के साथ प्रतिबंध बढ़ते जाते हैं।
ग्रैप -3 की बात करें तो यह इसे AQI के 400 के पार जाने लागू किया जाता है। ग्रैप-3 के लागू होने के बाद अब दिल्ली में केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। डीजल वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जाएगा, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध है, ताकि शहर में प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
दिल्ली में 5वीं तक के बच्चों के स्कूल बंद कर दिए हैं। इसके बजाय, ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प दिया गया है, ताकि बच्चों को प्रदूषण से बचाया जा सके और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पानी के छिड़काव वाले वाहनों की संख्या बढ़ाएगी। यह उपाय धूल को नियंत्रित करने और वायु गुणवत्ता को सुधारने में मदद करेगा।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा पर क्या पड़ेगा असर ?
दिल्ली की प्रदूषित हवा को साफ बनाने के लिए ग्रैप-3 के कड़े नियम लागू किए गए हैं। इसके तहत दिल्ली में डीजल वाहनों पर रोक लगा दी गई है, इस प्रतिबंध से जाहिर है की दिल्ली से सटे इलाके नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद पर भी असर पड़ेगा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा से कोई डीजल वाहन अगर दिल्ली जाता है, तो उसे एंट्री नहीं मिलेगी। इससे आयात, निर्यात पर भी असर पड़ सकता है, जाहिर पर कुछ सामानों के दाम भी इसके कारण बढ़ सकते हैं। ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के लागू होने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा पर भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त उपाय लागू हो सकते हैं, क्योंकि ये दोनों इलाके दिल्ली के आस-पास स्थित हैं और यहां भी वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो सकती है।
वाहन चालकों की बढ़ेगी परेशानी ?
ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के लागू होने से वाहन चालकों की परेशानी निश्चित रूप से बढ़ सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो डीजल से चलने वाले वाहनों का उपयोग करते हैं। जैसा कि ग्रैप के तहत प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाते हैं, विशेष रूप से डीजल वाहनों पर प्रतिबंध, निर्माण कार्यों पर रोक, और गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी, इन उपायों से कई वाहन चालकों को सीधे प्रभावित होना पड़ेगा। डीजल वाहनों को दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी, जिससे लोगों को वैकल्पिक परिवहन के साधन ढूंढने होंगे।
इसके अलावा, यातायात में बदलाव, खासतौर पर समयबद्ध मार्गों और अस्थायी सड़क परिवर्तनों से वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। स्कूलों की बंदी और अन्य प्रतिबंधों के कारण सड़क पर ट्रैफिक में भी बदलाव हो सकता है, जो अधिक भीड़-भाड़ और लंबी ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा कर सकता है। इसके अलावा, कई वाहन चालकों को सीएनजी या इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है, जो एक महंगा और समय-साध्य विकल्प हो सकता है। हालांकि, इन कदमों का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है, लेकिन वाहन चालकों के लिए यह एक अस्थायी कठिनाई उत्पन्न कर सकता है।