नया एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी तेज : केंद्र को भेजा प्रस्ताव, नोएडा-ग्रेटर नोएडा से कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच मौजूदा एक्सप्रेस-वे के समानांतर एक नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया एक बार फिर से गति पकड़ चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस नए एक्सप्रेस-वे का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। यह प्रस्ताव नोएडा प्राधिकरण द्वारा शासन को भेजा गया था, और अब केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।
एक्सप्रेस-वे को नेशनल हाईवे का दर्जा मिले
नोएडा प्राधिकरण की प्रमुख मांग है कि इस एक्सप्रेस-वे को “नेशनल हाईवे” का दर्जा दिया जाए। इसके साथ ही, यमुना पुश्ता के पास नेशनल हाईवे का दर्जा प्राप्त करने से इस परियोजना को और अधिक महत्व मिलेगा। यदि केंद्र सरकार नेशनल हाईवे का दर्जा नहीं देती, तो राज्य हाईवे का विकल्प भी मौजूद है। इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार का फैसला महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह परियोजना नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए बेहद जरूरी है।
नई परियोजना की आवश्यकता
वर्तमान में, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। खासकर सुबह और शाम के व्यस्त समय में कई स्थानों पर ट्रैफिक रेंगता हुआ दिखाई देता है। इस एक्सप्रेस-वे के किनारे कई नए सेक्टर विकसित हो रहे हैं, जिनके पूरी तरह से बन जाने के बाद ट्रैफिक की समस्या और बढ़ सकती है। इसके अलावा, जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन के साथ ही वाहन दबाव में और वृद्धि होने की संभावना है।
प्रारंभिक बैठक और परियोजना की दिशा
नए एक्सप्रेस-वे की योजना पर पहली बैठक नवंबर 2023 में हुई थी, जिसमें नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई), नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक में एक्सप्रेस-वे की आवश्यकता और इसके निर्माण की दिशा पर चर्चा की गई थी।
सीईओ नोएडा प्राधिकरण का बयान
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ, डॉ. लोकेश एम ने बताया कि यह परियोजना कनेक्टिविटी और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “प्राधिकरण ने इस एक्सप्रेस-वे को नेशनल हाईवे घोषित करने की मांग की है, ताकि इसका निर्माण और संचालन भविष्य में बेहतर हो सके। यह प्रस्ताव अब केंद्र सरकार तक पहुंच चुका है।”