स्वच्छ महाकुंभ : मेले में रखा जाएगा सुरक्षा और हाइजीन का विशेष ध्यान, 10 शौचालयों पर एक सफाईकर्मी होगा नियुक्त
Prayagraj News : महाकुंभ 2025 को स्वच्छ महाकुंभ के रूप में स्थापित करने के लिए योगी सरकार ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि श्रद्धालु महाकुंभ के दौरान शौचालयों और यूरिनल्स की साफ-सफाई से संबंधित किसी भी समस्या का सामना न करें, और उन्हें एक स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव प्राप्त हो। मेला प्रशासन ने इसके लिए विशेष गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनके अनुसार शौचालयों की सफाई और जनशक्ति की तैनाती पर जोर दिया जाएगा।
स्वच्छता मानक और कार्यप्रणाली तय की गई
योगी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि महाकुंभ के दौरान 10 शौचालयों पर एक सफाईकर्मी तैनात किया जाए, और 10 सफाईकर्मियों के लिए एक सुपरवाइजर को जिम्मेदारी दी जाएगी। इसी प्रकार, 20 यूरिनल्स पर एक सफाईकर्मी और 20 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर को तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही सफाईकर्मियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) जैसे दस्ताने और जूते पहनने की अनिवार्यता होगी, ताकि उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।
स्वच्छता के लिए गंध नियंत्रण और अन्य सुविधाएं
स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए गंध नियंत्रण तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। शौचालयों में फ्लश सिस्टम, नल, शॉवर और वॉशबेसिनों को बिना किसी रिसाव के सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही टॉयलेट पेपर, साबुन डिस्पेंसर, हैंड सैनिटाइज़र और महिला स्वच्छता उत्पादों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। गंध को 10-15 मिनट में हटाने और कचरे को 24 घंटे में विघटित करने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि लगातार उपयोग के बावजूद शौचालयों में गंदगी और बदबू न रहे।
दिव्यांगों के लिए सुलभ शौचालय और बेहतर सुविधाएं
मेला क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए शौचालयों की सुलभता को भी प्रमुखता दी जाएगी। प्रत्येक 10 शौचालयों में से कम से कम एक शौचालय को दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सभी शौचालयों में उचित प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षित जेट स्प्रे मशीनों और अन्य आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। शौचालयों में सक्शन मशीनों की तैनाती और अपशिष्ट निपटान की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि साफ-सफाई में कोई कमी न हो।
इस प्रकार, महाकुंभ 2025 में स्वच्छता को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं, ताकि आने वाले श्रद्धालु एक स्वच्छ, सुरक्षित और यादगार अनुभव लेकर वापस लौट सकें।