एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण जरूरी : शहरी विकास मंत्री को लिखा पत्र, दिए सुझाव
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Noida News : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए शहरी विकास मंत्री, भारत सरकार को कन्फेडरेशन ऑफ एनसीआर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कोनर्वा) ने एक पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि दिल्ली ही नहीं, पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर विशेष रूप से पीएम 2.5 और पीएम 10 के खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। इसके कारण नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और सांस लेना भी कठिन हो गया है।
पत्र में प्रदूषण के प्रमुख कारणों पर भी प्रकाश डाला गया है और उन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभिन्न उपाय सुझाए गए हैं।
1. वाहन प्रदूषण : पत्र में सुझाव दिया गया है कि एनसीआर में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की प्रदूषण जांच होनी चाहिए। साथ ही, डीजल वाहनों को प्रतिबंधित कर केवल सीएनजी वाहनों की अनुमति दी जाए। डीजल वाहनों में एयर फिल्टर सिस्टम (EPS) को अनिवार्य किया जाना चाहिए, जैसा कि कई देशों में किया जाता है।
2. सड़क पर अतिक्रमण : सुझाव दिया गया है कि एनसीआर की सड़कों पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं होने दिया जाए, जिससे ट्रैफिक जाम कम हो और वाहनों से प्रदूषण न बढ़े।
3. कूड़ा जलाने पर रोक : पत्र में कूड़ा जलाने को भी प्रदूषण का एक बड़ा कारण बताया गया है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
4.निर्माण कार्यों से धूल का प्रबंधन : निर्माण कार्यों के दौरान धूल के उड़ने को रोकने के लिए भवनों को ढकने और निर्माण सामग्री को सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है।
5.कृषि पराली जलाने पर नियंत्रण: किसानों द्वारा पराली जलाने की समस्या को हल करने के लिए उचित उपायों की मांग की गई है, जिससे खेतों में आग लगने से होने वाला प्रदूषण रोका जा सके।
पत्र में इन सभी मुद्दों पर संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता की बात की गई है और संबंधित अधिकारियों से इस दिशा में ठोस नीति बनाने और उसका पालन करने की अपील की गई है।
इन सबको भेजा गया पत्र
पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों और राज्य सरकारों को एकजुट होकर काम करना होगा और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी, ताकि वर्तमान स्थिति की पुनरावृत्ति न हो और नागरिकों को प्रदूषण से होने वाली परेशानियों से राहत मिल सके। यह पत्र प्रधानमंत्री, पर्यावरण मंत्री, और एनसीआर के विभिन्न राज्य के मुख्यमंत्रियों सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को भी भेजा गया है, ताकि प्रदूषण की समस्या पर सामूहिक रूप से कदम उठाए जा सकें।