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ग्रेनो वेस्ट की चर्चित सुपरटेक इको विलेज-1 में नई एजेंसी ग्रेविटी ने चार्ज संभाला, मेंटनेंस शुल्क कटौती का दिया तोहफा

नोएडा (federal Bharat news) : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सबसे बड़ी आवासीय सोसाइटी सुपरटेक इको विलेज-1 में गुरुवार से सोसाइटी के मेंटीनेंस का जिम्मा नई एजेंसी ग्रेविटी फैसिलिटी ने संभाल लिया। हालांकि सोसाइटी में कई मुद्दों को लेकर रेजिडेंट एकमत नहीं हैं। सोसाइटी में फैसिलिटी के कामकाज को देखने के लिए 9 टावरों के प्रतिनिधियों की कमेटी बनाई गई है। कुछ रेजिडेंट ने नई नई फैसिलिटी से कुछ सवाल भी उठाए हैं। नई एजेंसी ने कार्यभार संभालते ही रेजिडेंट को बड़ी राहत देते हुए मेंटिनेंस शुल्क में कटौती का ऐलान किया है। एजेंसी ने यूपीआइ(UPI) के माध्यम से भी मेंटनेंस शुल्क जमा करने की सुविधा पुन: शुरू कर दी है।
भारी असंतोष के बाद वाइजी एस्टेट को हटाया
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सबसे बड़ी और चर्चित सोसाइटी सुपरटेक इकोविलेज-1 में वाइजी एस्टेट की मनमानी को लेकर रेजिडेंट में जबरदस्त असंतोष था। रेजिडेंट लंबे समय से पुरानी मेंटेनेंस कंपनी वाईजी एस्टेट पर आरोप थे कि कंपनी ने सोसाइटी के रखरखाव और सेवाओं में लापरवाही बरती और कई बार निवासियों से अवैध वसूली के मामले भी सामने आए। पिछले कुछेक वर्षों में सोसाइटी में बिजली कटौती, लिफ्टों का खराब संचालन, स्वच्छता की कमी और सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं प्रमुख थीं। इन मुद्दों के चलते निवासियों को कई बार प्रदर्शन और शिकायतें करनी पड़ीं। रेजिडेंट ने वीजी एस्टेट को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था।
एजेंसी बदलने से रेजिडेंट प्रसन्न
भारी शिकायतों और विरोध के बाद, पुरानी कंपनी को हटाकर नई मेंटेनेंस कंपनी ग्रेविटी फैसिलिटी को नियुक्त किया गया है। निवासियों को उम्मीद है कि नई कंपनी अब बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगी और पुरानी समस्याओं का समाधान करेगी। इकोविलेज-1 के निवासी राकेश सचदेवा ने कहा, नई कंपनी के आने से हमें सुरक्षा और स्वच्छता में सुधार की उम्मीद है। इस बार हर टावर से प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है, ताकि वे कामकाज की निगरानी कर सकें और पुरानी समस्याएं दोबारा पैदा न हों। एक और अन्य निवासी वीडी रावत ने कहा कि सोसाइटी में समस्याओं का अंबार था। आए दिन समस्याएं पैदा होती रहती थी और ये पहले मौका है कि अब लोग बिल्डर की बजाए खुद आगे आकर मेंटेनेंस सोसाइटी का चयन कर रहे हैं।
मेंटेनेंस शुल्क में कटौती से राहत
नई मेंटेनेंस कंपनी ग्रेविटी फैसिलिटी ने आते ही निवासियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। मेंटेनेंस शुल्क में कटौती से लोगों को आर्थिक रूप से फायदा होगा, खासकर उन परिवारों को जो लंबे समय से खराब सेवाओं के लिए अधिक शुल्क चुकाने को मजबूर थे।
नई एजेंसी ने सोसाइटी के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने और सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए कई कदम उठाने का वादा किया है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
सुरक्षा में सुधार: सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाना और गार्ड्स की तैनाती।
लिफ्ट रखरखाव: नियमित चेकअप और मरम्मत के जरिए लिफ्ट सेवाओं को सुचारू बनाना।
स्वच्छता: सार्वजनिक स्थानों की सफाई और कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान।
रेजिडेंट्स की भागीदारी: हर टावर से प्रतिनिधियों को शामिल कर पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
रेजिडेंट ने नई एजेंसी ग्रेविटी फैसिलिटी से सवाल पूछे हैं
1. बिजली रिटार्ज कैसे होगा।
2. सीएमएस चार्जेज(कॉमन एरिया मेंटनेंस) के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाए।
3. ग्रेविटी एजेंसी अपने मैनपावर इंफ्रास्ट्रक्चर का रहेगा।
4. कॉमन और व्यक्तिगत समस्याओं के निदान का प्रोसेस?
5. पार्किंग की समस्या का निराकरण कैसे होगा, एएमसी तथा क्लब का रखरखाव कैसे होगा?

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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