अब सरकारी स्कूलों में पाइप से होगी पीने के पानी की आपूर्ति
दो सालों में 50 हजार विद्यालयों में फर्नीचर,42 हजार में होगी स्मार्ट क्लास की स्थापना
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प में जुटी योगी सरकार इन विद्यालयों में पाइप से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति कराएगी। सरकार ने इसकी कार्ययोजना बना ली है। वहीं अगले दो सालों में 50 हजार विद्यालयों में फर्नीचर और 42 हजार में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जाएगी। नामांकन में फर्जीवाड़ा रोकने की भी मुकम्मल व्यवस्था कर ली गई है। इसके लिए चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया गया है। इसी के साथ ही विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत आधार पंजीकरण किया जाएगा ।
अगले छह महीने में पाइप से जलापूर्ति सुनिश्चित कराने के साथ ही सरकार परिषदीय विद्यालयों में शौचालय भी तैयार कराएगी । अभी तक इन विद्यालयों के विद्यार्थियों को पीने के पानी के लिए इंडिया मार्का हैंडपंप पर निर्भर होना पड़ता है। कुछ विद्यालयों में पानी की टंकियाँ भी लगीं हैं। लेकिन अब सरकार ने पाइप से पेयजल की सप्लाई सुनिश्चित करने की कार्ययोजना तैयार की है।
दो करोड़ बच्चों के नामांकन का लक्ष्य
परिषदीय विद्यालयों में व्यापक सुधार के बाद परिषदीय स्कूलों के बच्चों के नामांकन में तेजी से सुधार हुआ है। सत्र 2016-17 में यह संख्या 1.52 करोड़ थी जो सत्र 2020-21 में बढ़कर एक करोड़ 73 लाख तक पहुँच गई है। योगी सरकार-2.0 सत्र 2022-23 में दो करोड़ बच्चों के नामांकन के लक्ष्य को हासिल करने का निर्णय लिया है।
चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम से रूकेगा पंजीकरण का फर्जीवाड़ा
परिषदीय विद्यालयों में नामांकन फर्जीवाड़ा रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया है। इस तकनीकी से अब फर्जी नामांकन नही हो सकेगा। सर्व शिक्षा अभियान के तहत लागू इस सिस्टम में छात्रों का पूरा रिकॉर्ड यू डायस के जरिये आनलाइन होगा। इस रिकॉर्ड के साथ विद्यार्थियों के आधार भी लिंक होंगे। अगले दो साल में इस सिस्टम से प्रदेश में पढ़ने वाले सभी छात्र/छात्राओं को जोड़ा जाएगा।
शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा
योगी सरकार ने छह महीने में परिषदीय शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने का निर्णय लिया है। वहीं सरकार अगले छह महीने तक भी छात्र/छात्राओं के यूनिफॉर्म, बैग, स्वेटर, जूता- मोजा का पैसा डीबीटी के माध्यम से उनके माता-पिता/अभिभावक के खाते में ट्रांसफर करेगी। वहीं लोक कल्याण संकल्प के वादे को पूरा करने के लिए परिषदीय विद्यालयों में फर्नीचर और स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकास किया जाएगा। सरकार की कार्ययोजना के मुताबिक अगले दो सालों में प्रति वर्ष 25 हजार विद्यालयों में फर्नीचर और 21 -21 हजार विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जाएगी।