वायु प्रदूषण का नोएडा के मार्केट पर असर : एयर प्यूरीफायर की बिक्री में वृद्धि लेकिन व्यापार में 20% का नुकसान
Noida News : बढ़ते वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य और व्यापार पर सीधा असर पड़ा है। इस असर की वजह से कुछ फायदा हो रहा है, तो नुकसान भी हुआ है। लोगों के हजारों, लाखों रुपये अस्पतालों में जा रहे हैं, वहीं कई पाबंदिया के लगने से व्यापार में नुकसान हुआ है। गौर करने वाली बात ये है कि वायु प्रदूषण के कारण नोएडा में एयर प्यूरीफायर की बिक्री में जहां वृद्धि हुई वहीं व्यापार में 20% का नुकसान भी हुआ है।
व्यापार में 20% का नुकसान
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने भीड़-भाड़ वाले बाजारों में उपभोक्ताओं को बाहर निकलने से रोक दिया है। जिससे लोगों की संख्या में भारी गिरावट आई है। और बाजार मुनाफा नहीं कमा सका। लेकिन लोग वायु प्रदूषण से खुद को बचाने के लिए एयर प्यूरीफायर खरीद रहे हैं।
एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ रही
प्रतिदिन लगभग 25 एयर-प्यूरीफायर बेचे जाते हैं, जिनकी कीमत 10,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक होती है, जिससे प्रतिदिन लगभग 50 लाख रुपये की बिक्री होने का अनुमान है। नोएडा के बाजारों में कम ग्राहकों के बीच एयर प्यूरीफायर की बिक्री में वृद्धि उपभोक्ता व्यवहार में एक दिलचस्प बदलाव को दर्शाती है। वायु गुणवत्ता को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ रही है, खासकर नोएडा जैसे शहरी इलाकों में, जहां प्रदूषण या वायु गुणवत्ता में मौसमी बदलाव हो सकते हैं।
कई संभावित कारकों के कारण बाजार के व्यापारियों को मंदी का सामना करना पड़ रहा है:
1. स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं: वायु प्रदूषण के बारे में बढ़ती जागरूकता के साथ, लोग घर के अंदर रहना पसंद कर रहे हैं, खरीदारी या अन्य गतिविधियों के लिए बाहर जाने के बजाय एयर प्यूरीफायर जैसे घरेलू समाधानों में निवेश कर रहे हैं।
2. ई-कॉमर्स वृद्धि: ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफ़ॉर्म ने संभवतः इस प्रवृत्ति का लाभ उठाया है, लोगों को अपने घरों में आराम से एयर प्यूरीफायर और अन्य उत्पादों तक आसान पहुंच प्रदान की है, जिससे स्थानीय बाजारों में भौतिक रूप से जाने की आवश्यकता कम हो गई है।
3. आर्थिक कारक: यदि स्थानीय अर्थव्यवस्था में मंदी आई है, तो उपभोक्ता गैर-ज़रूरी खर्चों में कटौती कर सकते हैं या स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित वस्तुओं को प्राथमिकता दे सकते हैं, जिससे भौतिक दुकानों में लोगों की भीड़ कम हो सकती है।
वायु प्रदूषण और व्यापार पर इसका असर
नोएडा में वायु प्रदूषण और उससे संबंधित प्रतिबंधों का व्यापार क्षेत्र पर बहुत बुरा असर पड़ा है। CAIT दिल्ली एनसीआर के संयोजक और नोएडा सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष, सुशील कुमार जैन के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण नोएडा में लगभग 20% कारोबार में कमी आई है, जो व्यापारियों के लिए एक बड़ी समस्या है।
वाहन प्रतिबंध और घर से काम करने के प्रभाव
सुशील कुमार जैन ने बताया कि GRAP योजना के तहत वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध और 50% कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेशों की वजह से वाणिज्यिक क्षेत्रों तक ग्राहकों की पहुंच कम हो गई है। इससे छोटे और मध्यम व्यवसायों को खासा नुकसान हो रहा है। खासकर बाजारों में ग्राहक कम हो गए हैं, और आपूर्ति श्रृंखला में समस्याएं भी आई हैं। इस कारण राजस्व में भारी गिरावट आई है। त्यौहारों और शादियों जैसे मौसमी व्यवसायों को भी नुकसान हो रहा है, क्योंकि प्रदूषण नियंत्रण उपायों का समय अक्सर इन व्यवसायों के सबसे अधिक बिक्री के समय से मेल खाता है।
स्वास्थ्य समस्याओं और उत्पादकता पर असर
वायु प्रदूषण से कर्मचारियों की सेहत पर असर पड़ता है, जिससे उनकी कार्य क्षमता कम हो जाती है और वे काम पर अनुपस्थित रहते हैं। इस वजह से उत्पादकता पर और ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, प्रवासी मजदूर, जो नोएडा के कार्यबल का अहम हिस्सा हैं, खराब जीवन परिस्थितियों के कारण शहर छोड़ रहे हैं।
सरकार से मदद की अपील
सुशील कुमार जैन ने सरकार से अपील की है कि व्यापारों को होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए संतुलित नीतियां बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक ट्रकों जैसे कार्गो समाधान को बढ़ावा दिया जाए, जिससे आपूर्ति श्रृंखला सुचारू रूप से चल सके। इसके साथ ही प्रभावित व्यवसायों को वित्तीय सहायता या कर राहत प्रदान करने से उन्हें नुकसान कम करने में मदद मिल सकती है। नोएडा का व्यापार क्षेत्र, खासकर छोटे व्यापारी, प्रदूषण और सरकारी प्रतिबंधों के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।