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दिवाला प्रक्रिया : सुपरटेक की अधूरी परियोजनाएं पूरी करने को एनबीसीसी को शामिल करने की सिफारिश

नोएडा/ग्रेटर नोएडा(FBNews) : देश की प्रमुख बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के दिवाला प्रक्रिया मामले में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की सुनवाई के दौरान घर खरीदारों और अन्य हितधारकों के लिए कई अहम फैसले और चर्चाएं हुईं। इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) द्वारा सुपरटेक लिमिटेड की सभी अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) को शामिल करने की सिफारिश की गई।
घर खरीदारों को नहीं देना होगा अतिरिक्त भुगतान
सुनवाई के दौरान इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने कहा कि एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें सभी हितधारकों के लिए एक पूरी योजना होगी। एनसीएलएटी ने स्पष्ट रूप से कहा कि घर खरीदारों से किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भुगतान नहीं लिया जाएगा। निर्माण लागत में बढ़ोतरी या अन्य कारणों से आवश्यक धनराशि अनबिकी इन्वेंट्री से जुटाई जाएगी। उम्मीद है कि इससे बायर्स को राहत मिलेगी।
घर खरीदारों को होगा ब्याज का भुगतान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईआरपी के अधिवक्ता ने सभी हितधारकों की आपत्तियों को सूचीबद्ध किया, जिनमें प्रारंभिक निधि, समयसीमा, निर्माण गुणवत्ता, अनुपालन, और वित्तीय लेनदारों को भुगतान से संबंधित मुद्दे शामिल थे। इन सभी मुद्दों पर गहन चर्चा और विश्लेषण किया गया। एनसीएलटी ने कहा कि घर खरीदारों को विलंबित भुगतान का ब्याज दिया जाएगा। हालांकि, इस फैसले से वित्तीय दबाव बढ़ सकता है, लेकिन यह घर खरीदारों के लिए एक राहत है।
एनबीसीसी करेगी योजना पर चर्चा
एनबीसीसी की सुनवाई के दौरान 100 करोड़ रुपये की प्रारंभिक निधि, समयसीमा और प्रक्रिया प्रवाह पर अपनी दलीलें पेश करेगी। निर्माण कार्यों में सीपीडब्ल्यूडी (सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट) के मानदंडों का पालन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि घरों की गुणवत्ता पर कोई समझौता न हो। पूरे प्रोजेक्ट के लिए एक सुप्रा कमेटी बनाई जाएगी, जो सभी परियोजनाओं पर निगरानी रखेगी। इसके साथ ही, प्रत्येक परियोजना के लिए प्रोजेक्ट-विशिष्ट कमेटियां भी गठित की जाएंगी।
कमेटियों में बायर्स को मिलेगा प्रतिनिधित्व
घर खरीदारों को भी इन कमेटियों में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, ताकि उनकी चिंताओं और सुझावों को सीधे सुना जा सके। सुनवाई के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि बेंच एनबीसीसी के पक्ष में निर्णय देने की तैयारी में है। घर खरीदारों के व्यापक समर्थन और समन्वित प्रयासों ने इस दिशा में अहम भूमिका निभाई है।

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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