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गुर्जर महोत्सव की तैयारियों को लेकर आयोजन समिति की बैठक में तैयार की भव्य आयोजन की रूपरेखा

नोएडा/ग्रेटर नोएडा (FBNews) : गुर्जर महोत्सव की तैयारियों को लेकर सेक्टर 81 में सालारपुर भाटी फार्म में बैठक का आयोजन किया गया। इसमें विविध विषयों पर विचार-विनिमय हुआ और समवेत स्वर में तय किया गया कि सभी प्रकार की दुविधाओं से पार पाने के लिए तमाम प्रयास किए जाएंगे और भव्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
ये थे उपस्थित
बैठक में गुर्जर आर्ट एंड ट्रस्ट के अध्यक्ष एडवोकेट दिवाकर बिधूड़ी,  सुरेन्द्र गुर्जर सालारपुर, अजय चौधरी, सुभाष भाटी, बृजेश गुर्जर, समय सिंह कसाना, राहुल बिधूड़ी, रोहित गुर्जर, कर्मवीर बैसोया आदि नागरिक सम्मिलित हुए। आयोजन समिति ने बताया कि महोत्सव में विभिन्न राज्यों के सदस्यों का सहयोग निस्वार्थ भाव से मिलता है जिसके लिए पूरी टीम आभारी है। गुर्जर समाज की विभूतियां संस्कृति, साहित्य, कला, नृत्य, संगीत और खेल के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता यहां प्रदर्शित करते हैं। महोत्सव का मुख्य उद्देश्य समग्र समुदाय को एक मंच पर लाकर सभी स्वजातीय प्रतिभाओं को प्रमोट करना है।
क्या-क्या होंगे विशेष आकर्षण
गुर्जर महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग अपनी परंपराओं को नृत्य, संगीत और गायन के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। यहाँ के स्टालों पर  गुर्जरी शैली के विभिन्न आभूषण, वस्त्र और शिल्पकला का प्रदर्शन किया जाएगा जो आगंतुकों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर को देखने का मौका देगा। महोत्सव में विभिन्न प्रकार के खेलों और स्पर्धाओं का भी आयोजन किया जाएगा। इससे आगामी पीढ़ियों को अपनी संस्कृति के साथ साथ सांस्कृतिक खेलों में रुचि बढ़ाने का मौका मिलेगा और वे परंपरागत खेलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे।
सांस्कृतिक समृद्धि का प्रमोशन
गुर्जर महोत्सव का आयोजन सद्भाव, सहभाग और समभाव का संदेश भी देता है ना सिर्फ सांस्कृतिक समृद्धि का प्रमोशन करता है। यह समस्त राज्यों के स्वजातीय भाई बहनों के लिए अद्वितीय मौका है समवेत स्वर में वैचारिक विस्तार देने का। साथियों! यह त्रिदिवसीय आयोजन हमें अपनी सांस्कृतिक पहचान के प्रति गर्व महसूस करने का अवसर प्रदान करता है। गुर्जर महोत्सव सांस्कृतिक समृद्धि को सहेजने का पर्व भर नहीं है, बल्कि यह पद्मश्री ओमप्रकाश गांधी जी जैसे उन स्वजातीय महानुभावों के समक्ष कृतज्ञ भी करता है जिन्होंने महिला शिक्षा के लिए जीवन समर्पित कर दिया। एक ऐसा अवसर जो अपनी प्रतिभाओं को एक साथ आने और समग्र वैचारिकी बनाने का अवसर प्रदान करता है। यह आयोजन निश्चय ही सबसे अलग होगा और अर्थपूर्ण भी।
इस बार क्या अलग होगा
भव्य उदघाटन, स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम, रागणी, होली गायन, लोकगीत और संगीत, लोकनृत्य, रण नृत्य, नगाड़ा नृत्य प्रतियोगिता, कश्मीरी नृत्य, पंजाबी, गुर्जर नृत्य, हिमाचली गुर्जर गायन, ब्रज होली, फडवाचन, गुर्जर गायन ‘हीड’ , मुगदड़ प्रतियोगिता, गुर्जर कवि-कवयित्री पाठ, पारंपरिक गुर्जरी वेशभूषा, घाघरा नृत्य, कलाकृतियाँ, स्कूली बच्चों के मध्य चित्रकला , निबंध लेखन प्रतियोगिता,1857 क्रांति में गुर्जर जाति का योगदान पर चित्र प्रदर्शनी, गुर्जर व्यापारियों के प्रतिष्ठानों के उत्पाद, सुप्रसिद्ध गुर्जर गायकों की प्रस्तुति, प्रसिद्ध हस्तकलाकारों के उत्पादों की प्रदर्शनी, गुर्जरी रैंप शो, गुर्जर इतिहास पर रचित साहित्य का स्टाल, प्रमुख गुर्जर, संस्थानों, संगठनों के अलग-अलग पंडाल, गुर्जर चौपाल, ग्राम चौपाल पर अलग-अलग गुर्जर गाँवों की बैठक जो उस गाँव के बारे में सम्पूर्ण जानकारी।

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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