राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर विशेष : प्रदूषण से कराहता रहा नोएडा, फंड और मशीनों का होता रहा दुरुपयोग, SP सिंह की भूमिका पर सवाल
Noida News : नोएडा प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग की एक के बाद एक लापरवाही सामने आ रही है। जन स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार से प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्राप्त फंड का सही से उपयोग ना कर के लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ तो किया ही है वहीं मौजदा मशीनों का भी सही से उपयोग नहीं हो रहा है।
कब तक होगा दुरुपयोग
RTI में खुलासे के बाद की केंद्र सरकार से मिले पैसे का ना उपयोग हुआ और जो मशीन खरीदी गई वह भी बेकार । इस बात का भी खुलासा हुआ है कि सेक्टर 18 में मशीन लगी है जिसकी कीमत तकरीबन 5 लख रुपए हैं लेकिन ना पानी है ना बिजली और मशीन में जंग लग चुकी है। यह बात तो साफ हो चुकी है कि मशीन बिल्कुल खराब क्वालिटी की है। क्या इस भ्रष्टाचार को करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी ?
क्या यह मसला भी बाकी मसलों की तरह दब जाएगा ? केंद्र सरकार से मिले पैसे और जनता के टैक्स के पैसे का प्राधिकरण में दुरुपयोग कब तक होगा और कारवाई कब होगी?
SP सिंह का बयान
इस पूरी लापरवाही के मामले पर हमने स्वास्थ्य विभाग प्रमुख एसपी सिंह से बात की। फेडरल भारत ने इस लापरवाही के बारे में पूछा तो एसपी सिंह ने कहा कि हमने मशीनें खरीदने के लिए टेंडर जारी किए है। मशीनें खरीदी जाएगी और समय के साथ जो फंड केंद्र सरकार की तरफ से मिले है उसका भी उपयोग किया जाएगा।
बता दें तीन साल पहले प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्र से नोएडा प्राधिकरण को 30 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन इसमें से केवल 3.89 करोड़ रुपये ही सही तरीके से खर्च किए गए।
केंद्र द्वारा दिए गए फंड से 3.89 करोड़ रुपये में मशीनें खरीदी गईं, लेकिन यह मशीनें खराब हो गईं और उनमें से अधिकांश में जंग लग गया। इसके अलावा, 23 लाख की एंटी स्मोक गन सड़क किनारे धूल फांक रही हैं और 2 करोड़ की चार मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें भी खड़े-खड़े खराब हो गईं।
SP सिंह की भूमिका पर सवाल
नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख और बहुचर्चित अधिकारी SP सिंह पर इन सभी मुद्दों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विभाग की लापरवाही और प्रदूषण नियंत्रण के लिए फंड का दुरुपयोग करने के आरोपों के बावजूद, उन्होंने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
नोएडा के लोगों की सेहत पर खतरा बढ़ा
केंद्र सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता दे रही है, नोएडा के लोग अब भी ज़हरीली हवा से जूझ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार, विभाग इन पैसों का सही तरीके से इस्तेमाल क्यों नहीं कर सका और क्यों नोएडा में हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है।