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जेल में बंद हैं गौतमबुद्ध नगर के किसान और अधिवक्ता : बार एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंप दी चेतावनी, कहा- रिहाई नहीं हुई तो….

Noida News : गौतमबुद्ध नगर के किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर तीनों प्राधिकरणों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था, किसानों ने प्राधिकरणों के घेराव के बाद दिल्ली का कूच करने की भी कोशिश की थी, लेकिन प्राधिकरण आश्वासन देकर विरोध प्रदर्शन को रोकने में कामयाब रही। प्राधिकरण के समझाने बुझाने पर किसान संगठनों ने प्रदर्शन तो समाप्त कर दिया लेकिन इस विरोध प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों और वकीलों को गिरफ्तार किया गया, उन्हें जमानत दिलाने की कवायत अभी तक जारी है। इसी को लेकर दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन प्रयासरत है। बता दें कुल पांच वकीलों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें रुपेश वर्मा,  धरेंद्र भाटी के चाचा, किसान नेता और वकील सुनील फौजी के भाई राजेंद्र भाटी और सतेंद्र भाटी शामिल है।

वकील ने दिया पुलिस आयुक्त को ज्ञापन
बता दें जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन  द्वारा गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। 10 दिसंबर को जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन गौतमबुद्धनगर की एक कार्यकारिणी मीटिंग हुई। बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा किसानों की भूमि जबरदस्ती हड़पने, 64.7 प्रतिशत मुआवजे की कटौती, 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट की अनदेखी और सरकारी नौकरी की गारंटी न देने के खिलाफ किसानों द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
बता दें इस बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष उमेश भाटी देवटा एडवोकेट ने की, जबकि संचालन सचिव धीरेन्द्र भाटी साकीपुर एडवोकेट द्वारा किया गया। बैठक में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें गौतमबुद्धनगर के अधिवक्ताओं ने किसानों के प्रति प्राधिकरण की दमनकारी नीतियों का विरोध किया।
शासन-प्रशासन और प्राधिकरण पर लगाए आरोप
बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि किसान अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे, लेकिन शासन-प्रशासन और प्राधिकरण द्वारा उन्हें अत्यधिक दमनकारी नीति के तहत जेल में डाल दिया गया है। कई अधिवक्ताओं को भी इस दौरान गलत तरीके से जेल भेजा गया है, जो न केवल कानूनी तौर पर गलत है, बल्कि उनके अधिकारों का भी उल्लंघन है।
ये हैं मांगें
1. किसानों और अधिवक्ताओं के परिजनों की अविलम्ब रिहाई की जाए
2. किसानों के परिजनों से सामान्य मुलाकात की सुविधा प्रदान की जाए
3. यदि कोई किसान/अधिवक्ता तन्हाई में रखा गया है तो उसे जनरल वार्ड में स्थानांतरित किया जाए और इसकी सूचना दी जाएबार एसोसिएशन ने दी चेतावनी
अधिवक्ताओं ने यह चेतावनी दी कि यदि किसानों को आज शाम तक रिहा नहीं किया गया तो आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा और इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे। साथ ही मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया जाता है, तो जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन अपने किसान परिजनों के साथ खड़ा होकर इस मुद्दे पर सख्त कार्यवाही करने के लिए तैयार है।

Jyoti Yadav

युवा पत्रकार ज्योति यादव फेडरल भारत में शामिल हो गई हैं। अपनी नई भूमिका में ज्योति रियल एस्टेट सेक्टर के साथ-साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्रों को कवर करेंगी। पत्रकारिता में पहचान बनाने दिल्ली एनसीआर पहुंची ज्योति बिहार से ताल्लुक रखती हैं, और मुंबई से मास मीडिया की पढ़ाई की है। ज्योति ने बतौर न्यूज एंकर खबरें प्रस्तुत की हैं, बेहतरीन वॉइस ओवर आर्टिस्ट भी हैं। डिजिटल के लिए कंटेंट राइटिंग और रिपोर्टिंग करती रहती हैं।

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