संभल सपा सांसद बर्क के मकान पर लटकी तलवार, प्रशासन ने भेजा नोटिस, चल सकता है बुलडोजर
संभल (FBNews) : सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद अन्य लोगों के साथ संभल से सपा सांसद और उनके पिता के खिलाफ भी हिंसा भड़काने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। अब उनके दीपा सराय में निर्माणाधीन मकान को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मकान का निर्माण पिछले दो साल से चल रहा है। बर्क को जिला प्रशासन ने नोटिस दिया है।
बर्क और उनके पिता के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज है
जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने के बाद 19 नवंबर को मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान सपा सांसद मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस द्वारा समझाकर सर्वे कराया गया था। इसके बाद उनके द्वारा भड़काऊ बयान जारी किए जाने के आरोप में पुलिस ने 24 नवंबर को भड़की हिंसा में सांसद बर्क का नाम जोड़ा था। यही नहीं उनके पिता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर दिया गया था।
प्रशासन ने जारी किया नोटिस
जिला प्रशासन की ओर से उन्हें नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उन्हें विनियमित क्षेत्र के कार्यालय में स्वयं या प्रतिनिधि को पेश करने के लिए कहा गया है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि बिना नक्शा पास कराए ही निर्माण कराया गया है अगर नोटिस का जवाब 7 दिन के अंदर संतोषजनक नहीं मिला तो निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया जाएगा। उधर, सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा है कि 24 को 5 लोगों की हत्या कर दी गई और अब पुलिस मुसलमानों में भय पैदा कर रही है। जुल्मों सितम की सारी हदें पार हो रही है, महिलाओं और मासूमों को भी नहीं बख्शा जा रहा है।
पुलिस ने किया सर्च ऑपरेशन
जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के आरोपितों की तलाश में फिर सर्च अभियान चलाया गया। इस बार भी सांसद के ही मुहल्ला दीपा सराय में 20 मकानों की तलाशी ली गई। हालांकि इन मकानों में कुछ आपत्ति जनक नहीं मिला और न ही कोई आरोपित पुलिस के हाथ आया। इससे पहले सोमवार की शाम को सर्च अभियान चलाया गया। इसमें 13 मकानों में तलाशी के दौरान दो तमंचे और स्मैक बरामद की गई थी। महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
नक्शा पास कराना जरूरी : डीएम
इस बीच संभल के जिलाधिकारी डॉ राजेन्द्र पेंसिया ने कहा कि विनियमित क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण कार्य कराने से पहले संबंधित प्राधिकारी से नक्शा पास कराना जरूरी है। इस मामले में नियमों की पालना नहीं की गई है और सांसद को नोटिस जारी करके उनसे जवाब मांगा गया है।