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ग्रेटर नोएडा में 2000 फ्लैट बनकर तैयार, कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने को 31 दिसंबर तक की डेट तय

नोएडा (FBNews) : कुछ औपचारिकताएं पूरी होने के बाद पांच बिल्डरों के दो हजार से अधिक फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता शीघ्र साफ हो जाएगा। प्राधिकरण ने पांचों बिल्डर्स को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। फ्लैट बनकर पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन छह जरूरी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं लेने से प्राधिकरण की ओर से सीसी(पूर्णता प्रमाणपत्र) जारी नहीं हो पा रहा है। इस वजह से इन फ्लैटों की रजिस्ट्री अटकी हुई है। ग्रेनो प्राधिकरण की एसीईओ सौम्या श्रीवास्तव ने पांचों बिल्डर्स को चेतावनी जारी की है।
पांच बिल्डर्स के 2000 फ्लैट बनकर रेडी
ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट में हजारों बायर्स अपने फ्लैट का आस बंधाए हुए हैं। इन सभी के लिए अच्छी खबर यह है कि फ्लैट बनकर पूरी तरह तैयार हैं। इन फ्लैटों की संख्या लगभग 2000 है। यह फ्लैट ग्रेनो के ईटा-2 स्थित यमुना बिल्टेक की मिग्सन विलासा सोसाइट में 765, सेक्टर एक स्थित देविका गोल्ड होम में 715, ओमेग-2 स्थित एसडीएस इंफ्राटेक में 396, सेक्टर-2 स्थित अजय एंटरप्राइज में 250 और ओमीक्रोन-3 स्थित महालक्ष्मी बिल्टेक में 145 फ्लैट हैं। इनकी रजिस्ट्री होनी है। प्राधिकरण ने इन पांचों बिल्डरों को रजिस्ट्री कराने के लिए 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है।
जानिए क्यों रुकी है सीसी(कंप्लीशन सर्टिफिकेट)
दरअसल, इन तैयार फ्लैटों के लिए बिजली, फायर सेफ्टी, वॉटर प्लांट, सीवरेज और स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए एनओसी हासिल करनी है। यह हासिल होने के बाद प्राधिकरण की ओर से सीसी(कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा। हालांकि बिल्डरों ने प्राधिकरण को बताया है कि रजिस्ट्री के लिए फिलहाल बायर्स नहीं आ रहे हैं। उन्हें लिखित सूचना भी भेज दी गई हैं। इन फ्लैटों की बुकिंग आठ से दस वर्षों के बीच कराई गई थी। जबकि प्राधिकरण की कोशिश है कि जल्द से जल्द इन तैयार फ्लैटों की रजिस्ट्री कराएं ताकि प्राधिकरण का बिल्डरों से उनकी बकाया राशि मिल सके। उधर, ग्रेनो विकास प्राधिकरण की एसीईओ सौम्या श्रीवास्तव ने बताया कि उपरोक्त पांचों बिल्डरों के 2000 फ्लैट बनकर तैयार हैं, किंतु वह कुछ औपचारिकताएं पूरी नहीं करने की वजह से रजिस्ट्री में देरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा गया कि इन पांचों को नोटिस जारी कर 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है। इसके बाद इन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
नोएडा में टोटल 76 प्रोजेक्ट दायरें में
उल्लेखनीय है कि बायर्स को सुविधा देने के लिए रजिस्ट्री की पॉलिसी तैयार करने को दो वर्ष पहले अमिताभ कांत समिति की सिफारिस पर पॉलिसी तैयार की गई थी, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि यदि बिल्डर्स बकाये की 25 प्रतिशत राशि जमा करा देते हैं तो उन्हें रजिस्ट्री कराने की सहूलियत मिल जाएगी। इस पॉलिसी के दायरे में नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कुल 76 प्रोजक्ट है, जिनमें लगभग 92960 फ्लैट हैं। इनमें से 38661 फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है। नतीजतन 31000 से अधिक फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। शेष फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण बिल्डर्स पर दबाव बना रहे हैं। प्रदेश की योगी सरकार भी बायर्स को राहत देनेके लिए विलंब शुल्क में छूट का प्रावधान छह माह के लिए बढ़ा चुकी है।

 

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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