उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्ट
एक मृत पीसीएस अधिकारी : करोड़ों की संपत्ति, महिलाओं ने ठोका दावा, नामांतरण रद्द
Noida News : नोएडा प्राधिकरण ने 11 जुलाई 2024 को निधन हुए सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी श्री हरि शंकर मिश्रा के आवासीय भूखण्ड का नामांतरण निरस्त कर दिया है। यह नामांतरण 4 दिसंबर 2024 को श्रीमती शिबा शिखा के पक्ष में किया गया था, लेकिन बाद में यह पत्र 23 दिसंबर 2024 को निरस्त कर दिया गया। यह फैसला तब लिया गया जब प्राधिकरण ने इस संपत्ति के नामांतरण को लेकर उठ रही विवादों और शिकायतों को गंभीरता से लिया।
नामांतरण पत्र के जारी होने के बाद उत्पन्न हुआ विवाद
श्री हरि शंकर मिश्रा की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति के लालच में कई महिलाओं ने उनकी पत्नी होने का दावा किया था। इनमें श्रीमती शिबा शिखा का नाम भी शामिल था, जिन्होंने 4 दिसंबर 2024 को संपत्ति का नामांतरण अपने नाम पर करने के लिए आवेदन किया था। इस नामांतरण पत्र को नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने जारी कर दिया था, लेकिन जब मिश्रा के परिवार के सदस्य और अन्य महिलाएं इस फैसले के खिलाफ प्राधिकरण से संपर्क करने लगे, तो मामले की जांच शुरू की गई।
शिकायतों के बाद लिया गया निरस्त करने का फैसला
मिश्रा के परिवार के सदस्यों और उनकी वास्तविक पत्नी ने प्राधिकरण में इस नामांतरण पर आपत्ति जताई। उन्होंने यह आरोप लगाया कि नामांतरण करने वाली महिला ने दस्तावेजों में गलत जानकारी दी है और संपत्ति का हकदार नहीं है। परिवार ने प्राधिकरण को सूचित किया कि श्रीमती शिबा शिखा के साथ मिश्रा की शादी के बारे में कोई वैध दस्तावेज़ मौजूद नहीं है। इसके बाद, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए नामांतरण को निरस्त करने का आदेश दिया।
कानूनी और दस्तावेजी जांच की गई
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस मामले में कानूनी और दस्तावेज़ी जांच शुरू की। उन्होंने सभी संबंधित कागजात की जांच की, जिसमें श्रीमती शिबा शिखा के शादी प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज़ शामिल थे। जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि महिला द्वारा पेश किया गया शादी प्रमाणपत्र संदेहास्पद था, क्योंकि यह प्रमाणपत्र उस तारीख का था जब श्री हरि शंकर मिश्रा का निधन हो चुका था। इसके अतिरिक्त, अन्य महिलाओं ने भी दावा किया था कि वे अधिकारी की पत्नी हैं, और उनकी ओर से भी प्राधिकरण में शिकायत की गई थीं।
भविष्य में संभावित कानूनी कार्रवाई
प्राधिकरण ने इस पूरे मामले में श्रीमती शिबा शिखा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भी इरादा जाहिर किया है। अधिकारियों ने बताया कि गलत दस्तावेजों का उपयोग किया है, तो इसके लिए सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, इस मामले में प्राधिकरण के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है, जो इस नामांतरण पत्र को जारी करने में शामिल थे।