गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट की पहल : सकरांत पर्व को पुनर्जीवित करने का प्रयास, संस्कृति और परंपराओं का सम्मान
Noida News : करीब 30-35 साल पहले दिल्ली NCR क्षेत्र में मकर संक्रांति (सकरॉत) का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता था। इस दिन गांव की महिलाएं सामूहिक रूप से गीत गातीं और बुजुर्गों को उपहार, कपड़े, जूते, मिठाई आदि देकर उनका मान-सम्मान करतीं। यह त्योहार प्रेम, सम्मान और परिवार के प्रति आभार का प्रतीक था। समय के साथ, सकरॉत का यह त्योहार अब पहले की तरह सामूहिक रूप से मनाया नहीं जाता। अब यह केवल घर (सास-ससुर, दादा-दादी) तक ही सीमित रह गया है। महिलाएं अब इस दिन सामूहिक गीतों और समारोहों में शामिल नहीं होतीं।
गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट की पहल
गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट अपनी संस्कृति, परंपराओं और रीति-रिवाजों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है। इस प्रयास के तहत, रविवार 12 जनवरी को नोएडा के मून क्लाउड बैंकट हॉल, सेक्टर 75 में दोपहर 12 बजे सकरॉत मनाने का आयोजन किया जा रहा है। सकरॉत एक ऐसा त्योहार है, जो हमारे बुजुर्गों के प्रति प्रेम, सम्मान और आभार का प्रतीक है। यह उन सभी को खुशी और आशीर्वाद देने का अवसर है जिन्होंने हमें अपने जीवन का अनुभव और शिक्षा दी है।
समाज की संस्कृति और विरासत का सम्मान
इस समारोह का मुख्य उद्देश्य समाज के बुजुर्गों के साथ मिलकर इस पर्व को धूमधाम से मनाना और गुर्जर समाज की पुरानी सांस्कृतिक विरासत को पुनः जीवित करना है। इस दिन समाज के बुजुर्ग एकत्र होकर अपने परिजनों के साथ इस खास दिन का जश्न मनाएंगे, साथ ही वे समाज के सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं से अवगत होंगे।
गणमान्य व्यक्तियों की होगी उपस्थिति
गुर्जर समाज के सम्माननीय सदस्य और गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। सुरेन्द्र गुर्जर सलारपुर ने बताया, “हम चाहते हैं कि हम अपनी संस्कृति पर गर्व महसूस करें और समाज के प्रत्येक सदस्य को इसके महत्व से अवगत कराएं।” ट्रस्ट के अध्यक्ष, एडवोकेट दिवाकर और उनकी पूरी टीम भी इस आयोजन में भाग लेंगी। यह समारोह समाज के लिए एक विशेष अवसर होगा, जिसमें परिजनों और बुजुर्गों के साथ सामूहिक रूप से इस पर्व का आनंद लिया जाएगा और एकजुटता की भावना को प्रोत्साहित किया जाएगा।