महाकुंभ में आचार्य प्रशांत की किताबों को जलाने की घटना: एक फेक साजिश का पर्दाफाश
ग्रेटर नोएडा: महाकुंभ मेला में आचार्य प्रशांत द्वारा लिखी गई धार्मिक पुस्तकों को जलाने की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने सबको हैरान कर दिया। सोशल मीडिया पर फैलाए गए एक झूठे पोस्टर ने यह दावा किया कि आचार्य प्रशांत ने कुंभ मेला को अंधविश्वास बताया है, जिसके बाद आचार्य प्रशांत की पुस्तकों को जलाने की घटना घटित हुई।
हालांकि, आचार्य प्रशांत ने कभी ऐसा कोई बयान नहीं दिया। उन्होंने कुंभ मेले के बारे में कहा था, “इससे बड़ी सामुदायिकता हमें विश्व में कहीं देखने को नहीं मिलती। इसने भारत को बहुत आगे बढ़ाया। मिलो, समझो, बात करो। इतने भिन्न तरीक़े के लोग एक जगह पर आकर मिलते हैं और हर ६ साल में ४ अलग अलग जहां पर जाकर मिलते हैं। भारत में जो सहिष्णुता की भावना रही है उसमें कुंभ जैसे सम्मेलनों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।”
इस घटना में शामिल लोगों ने जानबूझकर आचार्य प्रशांत की पुस्तकों को जलाया और पुस्तक वितरण कर रहे व्यक्तियों पर हमला किया। यह एक साजिश का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य आचार्य प्रशांत के संदेश को नष्ट करना था। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में झूठी ख़बर फैलाने में कुछ डिजिटल मीडिया संस्थान शामिल रहे। महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन पर इस तरह की हिंसक घटनाएँ एक चेतावनी हैं कि समाज में गलत सूचना के फैलाव से कोई भी गलतफहमी उत्पन्न हो सकती है।