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उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरलखनऊ

“…पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों में उड़ान होती है”

वित्त मंत्री में भाषण में सेरो-शायरी का खूब किया इस्तेमाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के विधानसभा सदन में बजट पेश करते समय उनके द्वारा दिए भाषण के तीसरे व चौथे का प्रमुख अंश।

  • प्रदेश स्तर पर अन्तर्जनपदीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी संचालित किए जाने के बाद भारत सरकार की ” वन नेशन वन राशन कार्ड योजना ” के अन्तर्गत प्रदेश में राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा माह मई, 2020 से लागू है जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के कार्डधारक अन्य राज्यों की किसी भी उचित दर की दुकान से अपना खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं।
  • मई, 2020 से मार्च, 2022 तक अन्य राज्यों के 37.971 राशन कार्डधारकों द्वारा उत्तर प्रदेश से तथा उत्तर प्रदेश के 8,99,798 कार्डचारकों द्वारा अन्य राज्यों से अपना खाद्यान्न प्राप्त किया गया है।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आच्छादित 3.58 करोड़ अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को निःशुल्क खाद्यान्न के साथ ही आयोडाइज्ड नमक , साबुन, चना एवं खादय तेल दिसम्बर 2021 से मार्च 2022 तक निःशुल्क वितरित कराया गया, जिस पर लगभग 4801 करोड़ रुपये व्यय हुआ। इस योजना से प्रदेश के लगभग 15 करोड़ लोग लाभान्वित हुए।
  • यह देश का विशालतम खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम है जिसका विस्तार अप्रैल 2022 से जून 2022 तक कर दिया गया है।
  • प्रदेश के 15 करोड़ निर्धन व्यक्तियों को मुफ्त अनाज तथा तीन करोड़ मजदूरों को मार्च 2022 तक 500 रूपये प्रतिमाह का भत्ता और 98 लाख नागरिकों को 1000 रुपये प्रतिमाह का भत्ता दिया गया।
  • प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की 167 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने वाला देश का पहला प्रदेश बना।
  • पिछले पांच वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 42 लाख 50 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं।
  • स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत दो करोड़ 61 लाख शौचालयों का निर्माण कराकर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
  • सौभाग्य योजना के अन्तर्गत एक करोड़ 41 लाख मुफ्त विद्युत कनेक्शन दिए गए। एंटी भू-माफिया अभियान के अन्तर्गत 64 हजार 399 हेक्टेयर भूमि अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है।
  • 2471 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है। वर्तमान में 186 भू-माफिया जेल में निरूद्ध हैं तथा 4274 अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है।
  • पिछले पाँच वर्षों के हमारे कार्यकाल में प्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी से निकलकर देश के अग्रणी राज्यों में आ चुका है।
  • योगी सरकार ने इस भावना के साथ काम किया है और कर रही है और तभी हम यह दावा कर सकते हैं कि

“जब तलक भोर का सूरज नजर नहीं आता,

काम मेरा है उजालों की हिफाजत करना।

मेरी पीढ़ी को एक चिराग बनके जलना है,

जिसका मजहब है अंधेरों से बगावत करना।।

  • विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के अन्तर्गत प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव निर्विघ्न एवं निर्विवाद रूप से सकुशल सम्पन्न हुए।
  • चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा सोशल मीडिया डिजिटल वालंटियर एवं अन्य माध्यमों से प्रदेश में छोटी से छोटी सूचना का त्वरित गति से संज्ञान लेकर उन पर तत्परता पूर्वक कार्यवाही की गई, जिसके परिणामस्वरूप कोई अफवाह वृहद रूप ले उससे पूर्व ही उस पर सकारात्मक निरोधात्मक कार्यवाही की गई, जिससे निर्वाचन के दौरान कोई भी वृहद घटना नहीं घटित हुई।
  • प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी इसकी सराहना की गई।
  • आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एटीएस सेन्टर देवबंद का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे शीघ्र पूर्ण किया जाएगा तथा मेरठ, बहराइच, कानपुर, आजमगढ़ व रामपुर में एटीएस सेंटर का निर्माण कराया जाएगा।
  • उच्च न्यायालय इलाहाबाद/लखनऊ खंडपीठ एवं जिला न्यायालयों, राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य न्यायालय, मेट्रो रेल, धार्मिक स्थलों (अयोध्या, काशी, मथुरा), ऐतिहासिक स्थल ताजमहल, हवाई अड्डों, बैंकों , अन्य वित्तीय संस्थानों, औद्योगिक उपक्रमों, सामरिक एवं महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों आदि की उत्तम संरक्षा तथा सुरक्षा हेतु उप्र विशेष सुरक्षा बल का गठन किया गया है, जिसके लिए 276 करोड़ 66 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के अन्तर्गत यूपी-112 योजना के द्वितीय चरण को वित्तीय वर्ष 2022-2023 में प्रारम्भ किया जाना है। इसके सुदृढीकरण हेतु 730 करोड़ 88 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • सेफ सिटी योजना के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर आगरा वाराणसी,गोरखपुर, प्रयागराज में योजना लागू किए जाने को 523 करोड़ 34 लाख रुपये की व्यवस्थाप्रस्तावित है।
  • जनपदीय थानों हेतु सुरक्षा उपकरणों एवं अस्त्र/शस्त्र हेतु 250 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना तथा उप्र फोरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट लखनऊ का निर्माण कराया जा रहा है।
  • पुलिस के आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये, अनावासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये, नवसृजित जिलों में पुलिस के आवासीय/अनावासीय भवनों के लिए 300 करोड़ रुपये तथा नवसृजित जिलों में पुलिस लाइन के निर्माण के लिए भूमि क्रय हेतु 65 करोड़ 70 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • हम जानते हैं कि वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री ने देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने का लक्ष्य घोषित किया। उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक मानव संपदा वाला प्रदेश है। अतः देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
  • इसी दृष्टि से प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने का लक्ष्य लेकर हमारी सरकार कार्य कर रही है।
  • कोविड-19 महामारी से वित्तीय वर्ष 2020-2021 और 2021 2022 में विश्वव्यापी आर्थिक मंदी रही जिसका प्रभाव प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा।
  • अब प्रदेश उस दौर से निकल चुका है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। हमारा विश्वास है कि हम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने में सफल होंगे।

” मंजिल उन्हीं को मिलती है , जिनके सपनों में जान होती है।

पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों में उड़ान होती है।”

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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