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उत्तर प्रदेशलखनऊ

बजट आंकड़ों का मकड़जालः अखिलेश यादव

राज्य सरकार के बजट पर नेता विरोधी दल की प्रतिक्रिया

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का बजट आंकड़ों का मकड़जाल है।

उन्होंने पूछा कि क्या किसानों की आय दोगुनी हो गई। उन्होंने कहा कि बजट आने के बाद गांव में उदासी छा गई है।

युवाओं ने सोचा था कि उन्हें रोजगार मिलेगा लेकिन बजट के बाद उनमें निराशा छा गई है। गरीबों सेकिया गया वादा सरकार ने पूरा नहीं किया है। बजट से लोगों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ आंकड़ों में ही नौकरी और रोजगार है। धरातल पर ठोस कुछ भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। गरीबों के लिए सरकार योजना नहीं बना पा रही है।

उन्होंने पूछा कि क्या सरकार मुफ्त राशन योजना आगे भी चलाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों को किताबें नहीं दी जा रही है। भूसा दान देने के लिए सरकार दबाव बना रही है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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