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दिल्लीपंजाब

जेल में सिद्धू कर रहे मुंशी का काम, दो शिफ्टों में करते हैं ड्यूटी

फिलहाल काम का ले रहे हैं प्रशिक्षण, अभी वेतन नहीं मिलेगा

पटियाला। पंजाब के पूर्व मंत्री, पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को यहां पटियाला सेंट्रल जेल में मुंशी का काम मिला है। वे दो शिफ्टों में ड्यूटी करते हैं। रोड रेज मामले में सिद्धू अपनी सजा काट रहे हैं। सिद्धू को शुरू में अभी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान सिद्धू को अदालत के फैसलों को संक्षिप्त करने के साथ ही जेल रिकॉर्ड को संकलित करने के बारे में बताया जाएगा।

जेल नियमावली के अनुसार सिद्धू को 90 दिनों तक पैसे नहीं दिए जाएंगे। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें 40 रुपये से 90 रुपये प्रति दिन मिलेंगे। उनका वेतन उनके हुनर से तय होगी। वेतन उनके बैंक खाते में जमा होगी। सूत्रों के अनुसार सिद्धू बैरक से ही काम करेंगे। जेल की फाइलें उन्हें बैरक में ही भेजी जाएंगी। उन्हें बैरक से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।

सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद सिद्धू ने 20 मई को पटियाला की निचली अदालत में आत्मसमर्पण किया था। जेल जाने के बाद एक मेडिकल बोर्ड ने सिद्धू के लिए डाइट चार्ट बनाया है। डाइट चार्ट अभी जेल तक नहीं पहुंचा है। सिद्धू सलाद और फल खा रहे हैं। उन्होंने गेहूं से एलर्जी होने की बात कहकर दाल-रोटी खाने से मना कर दिया था।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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