ओमान का फर्जी हाई कमिश्नर बनकर घूम रहा था शख्स, गाजियाबाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

गाजियाबाद : गाजियाबाद पुलिस ने एक चौंकाने वाले फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। एक 66 वर्षीय शख्स, जो खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बताकर वीआईपी सुविधाएं ले रहा था, उसे पुलिस ने धर दबोचा। आरोपी की पहचान कृष्ण शेखर राणा, निवासी लाजपत नगर, दिल्ली के रूप में हुई है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
थाना कौशांबी के चौकी प्रभारी अशोक तौमर की शिकायत पर जांच शुरू हुई। जांच में सामने आया कि आरोपी ने अपनी असली पहचान छुपाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को ओमान का हाई कमिश्नर बताया। वह सरकारी अधिकारियों और लोगों को धोखे में रखकर वीआईपी प्रोटोकॉल और सुरक्षा ले रहा था।
गिरफ्तारी और बरामदगी
13 मार्च को पुलिस ने यूपी गेट से आरोपी को गिरफ्तार किया। उसके पास से फर्जी आईडी कार्ड, 42 विजिटिंग कार्ड, लाल और नीली बत्ती, फर्जी नंबर प्लेट (HR 26 CN 0088), 88 CD 01 नंबर प्लेट लगी काले रंग की मर्सिडीज कार बरामद की है।
पूछताछ में उगले राज
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में कहा, कि वह जिलाधिकारियों को ओमान एंबेसी के फर्जी पत्र भेजता था, जिससे उसे आसानी से वीआईपी सुरक्षा और सुविधाएं मिल जाती थीं। उसने अपनी कार पर नीली डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट, ओमान का झंडा और ‘वर्ल्ड ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन कमीशन’ का स्टीकर भी लगा रखा था ताकि हर जगह उसे राजनयिकों जैसी विशेष सुविधाएं मिले।आरोपी ने ये भी कबूल किया कि वह विभिन्न जिलों में खुद को हाई कमिश्नर बताकर सरकारी कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होता था।
शिक्षक से फर्जी कमिश्नर बनने तक का सफर
आरोपी कृष्ण शेखर राणा साल 1982 से 2015 तक आगरा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था। रिटायर होने के बाद उसने कई विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर के पद पर काम किया। 2024 में उसने “INDIA GCC TRADE COUNCIL” नामक एनजीओ जॉइन किया और खुद को ओमान देश का ट्रेड कमिश्नर घोषित कर दिया।इसके बाद आरोपी ने खुद को हाई कमिश्नर बताकर वीआईपी सुविधाएं लेना शुरू कर दिया।
गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और सरकारी अधिकारियों को गुमराह करने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।