V Spark Communications का डीपफेक स्कैंडल : राजनीतिक प्रचार के लिए झूठी खबरें और डीपफेक वीडियो बनाने में संलिप्त पाई गई नोएडा की प्रमुख PR एजेंसी

नोएडा: देश की जानी-मानी पब्लिक रिलेशंस और ब्रांड मैनेजमेंट एजेंसी V Spark Communications इन दिनों विवादों के घेरे में आ गई है। प्रतिष्ठित मीडिया हाउस दैनिक भास्कर की एक स्टिंग ऑपरेशन रिपोर्ट में यह सामने आया है कि V Spark राजनीतिक लाभ के लिए फेक न्यूज़ और डीपफेक वीडियो के निर्माण में लिप्त रही है।
दैनिक भास्कर की जांच रिपोर्ट:
इस इन्वेस्टिगेटिव स्टिंग के तहत, दैनिक भास्कर की टीम ने खुद को एक राजनीतिक पार्टी के समर्थक बताकर कई PR एजेंसियों से संपर्क किया। जांच के दौरान, V Spark की सह-संस्थापक कनिका छाबड़ा ने इस तरह के प्रचार कार्य पर बातचीत के लिए सहमति जताई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने के लिए डीपफेक वीडियो और मॉर्फ्ड इमेजेज तैयार करने को लेकर बातचीत के लिए तैयार थी।
राजनीतिक नेताओं को बनाया गया निशाना:
स्टिंग रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि फर्जी कंटेंट में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का डीपफेक वीडियो, सोनिया गांधी की मॉर्फ्ड तस्वीरें और राहुल गांधी को लेकर फैलाई गई झूठी खबरें शामिल थीं।
नोएडा से गहरा संबंध:
V Spark Communications का कॉर्पोरेट ऑफिस नोएडा के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र सेक्टर 64 में स्थित है (पता: B-112, सेक्टर 64, नोएडा, उत्तर प्रदेश – 201301)। कंपनी की संचालन गतिविधियाँ यहीं से संचालित होती हैं और यहीं से डिजिटल व राजनीतिक अभियान भी चलाए जाते हैं।
नैतिकता पर उठे सवाल:
2010 में स्थापित V Spark ने देश और विदेश में 500 से अधिक ब्रांड्स के साथ काम किया है। लेकिन यह हालिया खुलासा PR इंडस्ट्री में नैतिकता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी के मानकों पर गहरे सवाल खड़े करता है।
निष्कर्ष:
V Spark Communications पर लगे आरोप न केवल PR क्षेत्र की साख को धक्का पहुंचाते हैं, बल्कि यह राजनीतिक संवाद की विश्वसनीयता को भी खतरे में डालते हैं। ऐसे समय में जब भारत डिजिटल सूचना के युग में प्रवेश कर रहा है, इस प्रकार की गतिविधियाँ लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती हैं।