×
उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्टराज्य

नया नोएडा” बसाने की तैयारियां तेज, 80 गांवों की ज़मीन पर बनेगा पश्चिमी यूपी का ग्रोथ इंजन

नोएडा : नोएडा प्राधिकरण को “नया नोएडा” बसाने की ज़िम्मेदारी सौंप दी गई है और इसके लिए ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक, मुआवज़े की दरें तय होते ही ज़मीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया जाएगा, जिसके बाद ले-आउट प्लान तैयार किया जाएगा।

नया नोएडा, बुलंदशहर और दादरी क्षेत्र के 80 गांवों की ज़मीन पर बसाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 209.11 वर्ग किलोमीटर (करीब 20,911 हेक्टेयर) क्षेत्र में शहर को विकसित किया जाएगा। शासन ने अक्टूबर 2024 में इसके मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दे दी थी।

नक्शों में इस नए शहर को “दादरी-नोएडा-गाज़ियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR)” के नाम से दर्शाया गया है। यह योजना चार चरणों में पूरी की जाएगी और इसका मास्टर प्लान दिल्ली की प्रतिष्ठित संस्था स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) ने तैयार किया है।

“नया नोएडा” भविष्य में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति का केंद्र बनने जा रहा है, जो क्षेत्र की बुनियादी ढांचे और निवेश को एक नई दिशा देगा। शुरुआत नोएडा के सेक्टर-161 से की जाएगी,जहां किसानों से बातचीत कर जमीन ली जाएगी। इसके बाद न्यू नोएडा की बारी आएगी। न्यू नोएडा लगभग 209.11 वर्ग किलोमीटर (20,911.29 हेक्टेयर) क्षेत्र में बसाया जाएगा। सबसे पहले जमीन अधिग्रहण का काम ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और जीटी रोड के मिलन बिंदु के पास स्थित जोखाबाद और सांवली गांव से शुरू किया जाएगा। इन्हीं गांवों में DNGIR का अस्थायी कार्यालय भी स्थापित किया जाएगा।

प्रथम चरण में 15 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होगा, जबकि पूरा न्यू नोएडा 80 गांवों की जमीन पर विकसित किया जाएगा। हर गांव में औसतन 200 किसान परिवार हैं, यानी लगभग 16,000 परिवारों से बातचीत की जाएगी। पहले फेज में 3,165 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी।

मास्टर प्लान चार चरणों में पूरा होगा:

2023-2027: 3,165 हेक्टेयर

2027-2032: 3,798 हेक्टेयर

2032-2037: 5,908 हेक्टेयर

2037-2041: 8,230 हेक्टेयर

कुल 80 गांवों में ड्रोन सर्वे कराया जाएगा

नोएडा प्राधिकरण द्वारा विकसित किए जा रहे ‘न्यू नोएडा’ शहर की योजना के तहत गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिले के कुल 80 गांवों में ड्रोन सर्वे कराया जाएगा।

ड्रोन सर्वे के जरिए जुटाए गए डेटा को अक्टूबर 2024 की सैटेलाइट इमेज से मिलाया जाएगा। इस तुलना से यह स्पष्ट हो जाएगा कि कहां-कहां अवैध निर्माण किए गए हैं।

ऐसे निर्माणों की पहचान होते ही संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी और अवैध ढांचों को गिराया जाएगा। साथ ही, सर्वे के जरिए जमीन के सटीक उपयोग, सीमा और अतिक्रमण की स्थिति की भी जांच होगी।

Divya Gupta

Tags

Related Articles

Back to top button
Close