अक्षय तृतीया 2025: अक्षय तृतीया पर क्यों खरीदते हैं नमक? जानिए इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व !

नोएडा: अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म में एक अत्यंत शुभ और पुण्यदायी तिथि मानी जाती है। यह पर्व वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है और इसे बिना किसी शुभ मुहूर्त के कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
इस दिन सोना, चांदी, अन्न, कपड़े आदि खरीदने की परंपरा तो पुरानी है, लेकिन हाल के वर्षों में एक और वस्तु—नमक खरीदने की परंपरा भी प्रचलन में आ गई है। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया पर नमक खरीदने का महत्व क्या है।
नमक खरीदने का धार्मिक महत्व
हिन्दू शास्त्रों में नमक को ‘शुद्धता’ और ‘संतुलन’ का प्रतीक माना गया है। नमक न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह जीवन में स्थिरता और समृद्धि लाने वाला तत्व भी माना गया है। अक्षय तृतीया जैसे शुभ दिन पर नमक खरीदना जीवन में सुख-शांति, आर्थिक स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा के आगमन का संकेत माना जाता है।
क्यों खरीदा जाता है नमक?
1. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: मान्यता है कि नमक में नकारात्मक ऊर्जा को सोखने की शक्ति होती है। अक्षय तृतीया पर नमक खरीदकर घर में लाने से नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
2. वास्तु दोष से राहत: वास्तु शास्त्र में नमक को कई दोषों के निवारण में उपयोगी माना गया है। खासकर समुद्री नमक को घर के कोनों में रखने से वातावरण शुद्ध होता है।
3. घर में बरकत: ऐसा माना जाता है कि इस दिन लाया गया नमक घर में लक्ष्मी का वास कराता है और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
4. स्वास्थ्य लाभ: आयुर्वेद में भी नमक का संतुलित उपयोग स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना गया है। ऐसे में अक्षय तृतीया पर नमक खरीदना शरीर और जीवन की रक्षा का प्रतीक है।
कैसे करें नमक की खरीदारी?
इस दिन सफेद या सेंधा नमक खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। नमक को घर लाकर रसोई में ससम्मान रखें। साथ ही, कुछ लोग इसे पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी में भी रखते हैं ताकि लक्ष्मी कृपा बनी रहे
निष्कर्ष
अक्षय तृतीया का दिन जीवन में स्थायित्व और उन्नति की शुरुआत का प्रतीक होता है। ऐसे में नमक जैसी सामान्य दिखने वाली वस्तु भी गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अर्थ रखती है। इस पावन अवसर पर अगर आप भी नमक खरीदते हैं, तो यह केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में आमंत्रित करने का उपाय है।