पेगासस केस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इंकार !

नोएडा : सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले में तकनीकी पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी रिपोर्टें जो देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी हों, उन्हें उजागर नहीं किया जा सकता।
पैनल रिपोर्ट कोई आम बहस का विषय नहीं
कोर्ट ने साफ किया कि तकनीकी पैनल की रिपोर्ट आम जनता की चर्चा का हिस्सा नहीं हो सकती। व्यक्तिगत संदेहों और शंकाओं का समाधान संभव है, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक बहस का दस्तावेज नहीं बनाया जा सकता।
प्रभावित लोगों को मिल सकती है जानकारी
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि जो लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या वे पेगासस जासूसी से प्रभावित हुए थे, उनके अनुरोध पर विचार किया जा सकता है। लेकिन पूरी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा, क्योंकि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ सकता है।
सड़कों पर बहस का विषय नहीं: सुप्रीम कोर्ट
पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए तकनीकी पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग खारिज कर दी। कोर्ट ने साफ कहा कि यह देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ा मामला है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।
सिर्फ प्रभावित व्यक्तियों को दी जाएगी जानकारी
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि तकनीकी पैनल की रिपोर्ट सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं हो सकती। हालांकि, जिन लोगों को यह संदेह है कि वे पेगासस जासूसी का शिकार हुए हैं, उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर जानकारी दी जा सकती है।
कपिल सिब्बल की दलील पर सुप्रीम कोर्ट का जवाब
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने व्हाट्सएप की ओर से अमेरिकी अदालत में किए गए खुलासे का हवाला दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेगासस के अनधिकृत उपयोग की जांच पर 30 जुलाई को आगे सुनवाई होगी।
क्या है पेगासस जासूसी मामला?
2019 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत सरकार ने लगभग 300 नेताओं, मंत्रियों और पत्रकारों की जासूसी के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया। 2021 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद एक तकनीकी पैनल गठित किया गया था।