नोएडा के साईं अपार्टमेंट में चुनाव से पहले जिला समाज कल्याण अधिकारी के पत्र से सोसाइटी निवासियों में रोष, जानें पूरा मामला !

नोएडा: चुनावी प्रक्रिया के बीच नोएडा सेक्टर-71 स्थित साई अपार्टमेंट (उद्योग विहार) के निवासियों के बीच जिला समाज कल्याण अधिकारी के एक पत्र से निवासियों में रोष है। जिला समाज कल्याण अधिकारी के पत्र पर सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है कि एक व्यक्ति विशेष, जो न तो सोसाइटी का पंजीकृत मतदाता रहा और न ही अधिकृत स्थायी निवासी है, वह वर्षों तक रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के पद पर बना रहा। अब जब वह व्यक्ति मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने का प्रयास कर रहा है, तो प्रशासन द्वारा उससे अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की मांग की जा रही है।
इस विषय में जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा 5 मई 2025 को जारी पत्र में कहा गया है कि नाम सम्मिलन से पूर्व परिवार के स्वामित्वधारी सदस्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी के पत्र के बाद अब निवासियों ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि यदि NOC आवश्यक शर्त है, तो पहले RWA में शामिल होने के लिए यह क्यों नहीं मांगा गया? क्या वर्षों तक नियमों के विपरीत RWA चलाना प्रशासन की अनदेखी नहीं दर्शाता? क्या अब किसी एक व्यक्ति की प्रक्रिया अधूरी होने के कारण पूरी चुनाव प्रणाली को बाधित किया जाना न्यायोचित है? क्या लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रियाएं किसी एक व्यक्ति विशेष की सुविधा पर टिकी होनी चाहिए?
साई अपार्टमेंट के निवासी पुष्पेंद्र मलिक का कहना है कि एक व्यक्ति जो सोसाइटी के पंजीकृत बायलॉज अनुसार आज तक स्थायी सदस्य अर्थात वोट तक नहीं था, सोसायटी का निवासी तो वो आज भी नहीं है तो आखिर पूरा प्रशासन ऐसे व्यक्ति के लिए क्यों नतमस्तक है। उसको चुनाव लड़ाने के लिए, उसको वैध करार देने के लिए और किस नियम से पिछले 10 वर्षों से RWA में जमा हुआ है। यदि इस व्यक्ति का वोट था तो प्रशासन द्वारा आज NOC घर के सदस्य से किस आधार पर मांगी जा रही है, वो भी इसका नाम वोटर लिस्ट में चढ़वाने के लिए।
निवासियों की तीन मुख्य मांगें
पूरे मामले की निष्पक्ष और सार्वजनिक जांच कराई जाए।
चुनाव प्रक्रिया को और अधिक विलंबित न किया जाए।
RWA के पंजीकृत उपविधियों के अनुसार ही पारदर्शी चुनाव कराए जाएं।