रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भुज दौरा: वायु योद्धाओं से करेंगे संवाद !

नोएडा: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुजरात के भुज एयरबेस पहुंचे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भुज में उनका यह पहला दौरा है। इस दौरान रक्षा मंत्री सैनिकों से मिलकर उनकी हौसला अफजाई करेंगे। भुज एयरबेस पर वायुसेना के वीर योद्धाओं से संवाद करने के बाद राजनाथ सिंह स्मृतिवन भी जाएंगे।
वायुसेना के योद्धाओं से मिलने की उत्सुकता
भुज एयरबेस के लिए उड़ान भरने से पहले रक्षा मंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “नई दिल्ली से भुज (गुजरात) के लिए निकल रहा हूं। भुज एयर फोर्स स्टेशन पर अपने वायुसेना के वीर योद्धाओं से बातचीत के लिए बेहद उत्सुक हूं। इसके बाद मैं स्मृतिवन का भी रुख करूंगा।” रक्षा मंत्री के इस पोस्ट से यह स्पष्ट हो गया कि वे वायुसेना के जवानों से मुलाकात को लेकर बेहद उत्साहित हैं।
स्मृतिवन: भूकंप पीड़ितों की स्मृति का प्रतीक
रक्षा मंत्री ने अपने दौरे के दौरान स्मृतिवन जाने की भी योजना बनाई है। उन्होंने अपनी पोस्ट में स्मृतिवन के महत्व को भी रेखांकित किया। स्मृतिवन एक स्मारक और संग्रहालय है, जिसे 2001 के भूकंप में मारे गए लोगों की याद में बनाया गया है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। स्मृतिवन में भूकंप से जुड़ी यादें और उससे उबरने के प्रयासों को दर्शाया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला दौरा
भुज दौरे की खास बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा मंत्री का यह पहला दौरा है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों पर कड़ी कार्रवाई की थी। इस ऑपरेशन के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद राजनाथ सिंह का यह दौरा सेना के मनोबल को और ऊंचा करने का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
जवानों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश
रक्षा मंत्री के भुज दौरे का मुख्य उद्देश्य जवानों का मनोबल बढ़ाना है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद, इस तरह के संवाद और मुलाकात से सैनिकों में आत्मविश्वास और प्रेरणा का संचार होगा। राजनाथ सिंह के इस कदम से यह संदेश भी जाता है कि सरकार और रक्षा मंत्रालय हमेशा सेना के साथ खड़ा है।
सैनिकों का मनोबल ऊंचा रखने का प्रयास
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह दौरा सेना के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जवानों के साथ संवाद और उनकी हौसला अफजाई करना, सरकार की उस नीति का हिस्सा है जो सेना के मनोबल को हमेशा ऊंचा रखने पर बल देती है। भुज एयरबेस पर जवानों से मुलाकात और स्मृतिवन का दौरा, दोनों ही इस यात्रा को विशेष बनाते हैं।