×
उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्टब्रेकिंग न्यूज़राजनीति

प्यार में देशद्रोह: ISI एजेंट के जाल में फंसी भारतीय राजनयिक

नोएडा:  यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जांच जारी है। एनआईए, आईबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीमें उससे लगातार पूछताछ कर रही हैं।

इस बीच, एक बार फिर माधुरी गुप्ता का नाम सुर्खियों में है, जो कभी भारत की विदेश सेवा की अधिकारी रही थीं, लेकिन देश से गद्दारी कर बैठीं।

कौन थी माधुरी गुप्ता?

माधुरी गुप्ता एक पढ़ी-लिखी, सिविल सेवा पास अफसर थीं। उन्होंने जेएनयू से पढ़ाई की और फिर UPSC क्लियर कर IFS ग्रुप बी में शामिल हुईं। साल 2007 में उन्हें इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रेस और सूचना विभाग की ज़िम्मेदारी दी गई।

झूठे प्यार में फंसी अफसर

इस्लामाबाद में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान माधुरी की मुलाकात जमशेद उर्फ जिम नामक व्यक्ति से हुई। जमशेद असल में ISI का प्रशिक्षित जासूस था। धीरे-धीरे माधुरी और जमशेद के बीच रिश्ता गहरा होता गया, और माधुरी को उससे प्यार हो गया — जबकि जमशेद उसकी उम्र का आधा था।

नाराजगी और ब्रेनवॉश का खतरनाक मेल

माधुरी उस समय भारत सरकार से नाराज चल रही थीं क्योंकि उनकी छुट्टियां रद्द हो गई थीं और वेतन भी रोक दिया गया था। इस स्थिति का फायदा उठाकर जमशेद ने उसे भारत के खिलाफ भड़काया। माधुरी ने भारतीय सेना और R&AW की गुप्त जानकारियां ISI तक पहुंचानी शुरू कर दीं।

इस्लाम कुबूल कर तुर्की जाने की तैयारी

माधुरी का जमशेद के प्रति लगाव इतना बढ़ गया था कि वह इस्लाम धर्म अपनाने और इस्तांबुल (तुर्किये) जाकर बसने की तैयारी कर रही थी।

कैसे हुआ पर्दाफाश?

भारतीय उच्चायोग के कुछ अधिकारियों को उनकी गतिविधियों पर शक हुआ। इसके बाद RAW और IB ने माधुरी पर निगरानी शुरू की। इस अभियान को इतना गोपनीय रखा गया कि विदेश मंत्रालय तक को जानकारी नहीं दी गई।

माधुरी को पकड़ने के लिए एक झूठी खबर फैलाई गई। उसने यह खबर तुरंत पाकिस्तान को भेज दी, जिससे उसका असली चेहरा सामने आ गया।

गिरफ्तारी और सजा

2010 में उसे SAARC सम्मेलन की तैयारियों के बहाने दिल्ली बुलाया गया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कोर्ट ने 2018 में माधुरी को दोषी ठहराया और उसे तीन साल की सजा सुनाई गई।

निष्कर्ष:

माधुरी गुप्ता की कहानी बताती है कि कभी-कभी निजी भावनाएं और असंतोष एक काबिल अफसर को देशद्रोही बना सकता है। ज्योति मल्होत्रा का मामला भी इसी दिशा की ओर इशारा कर रहा है।

 

 

 

Divya Gupta

Tags

Related Articles

Back to top button
Close