कोटा में छात्र आत्महत्याओं पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब

नोएडा: राजस्थान के कोटा शहर से लगातार सामने आ रहे छात्र आत्महत्या के मामलों ने अब सुप्रीम कोर्ट को भी चिंतित कर दिया है। अदालत ने इस गंभीर स्थिति पर राजस्थान सरकार से जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई गहरी चिंता
न्यायमूर्ति जेपी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की खंडपीठ ने कहा कि साल 2025 की शुरुआत से अब तक कोटा में 14 छात्रों ने आत्महत्या की है, जो बेहद चिंताजनक है।
अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर आत्महत्याओं का यह सिलसिला केवल कोटा में ही क्यों हो रहा है?
राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पारदीवाला ने राजस्थान सरकार के वकील से पूछा, “आप एक राज्य के रूप में क्या कर रहे हैं?” उन्होंने यह भी कहा कि इन छात्रों को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर करने वाले कारणों की पड़ताल जरूरी है।
राज्य सरकार का जवाब
राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि आत्महत्या के मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस जवाब को पर्याप्त नहीं माना और राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने की सलाह दी।
कोटा में क्यों बन रही ऐसी स्थिति?
कोटा देशभर के छात्रों के लिए एक कोचिंग हब है, जहां हर साल लाखों छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं। भारी दबाव, प्रतिस्पर्धा और मानसिक तनाव इन आत्महत्याओं की बड़ी वजह मानी जा रही है।
अब इस मसले पर न्यायपालिका की सक्रियता से उम्मीद की जा रही है कि हालात सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।