बिल्डर की मनमानी के खिलाफ अजनारा होम्स के निवासियों का धरना जारी
जिन सहूलियत के लिए रकम वसूली जा चुकी है वह अभी तक मिली नहीं
नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित अजनारा होम्स के निवासियों का विभिन्न मांगों और समस्याओं के निराकरण के लिए पिछले कई सालों से चला रहा धरना आज भी जारी रहा। यहां के निवासियों ने इस अनिश्चितकालीन आंदोलन के दौरान धरना तो दिया ही उन्होंने प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारी अजनारा होम्स के बिल्डर पर शोषण का आरोप लगा रहे हैं। इसी के विरोध में उनका आंदोलन भी है।
आंदोलनकारियों ने बताया कि उन्हें अभी तक भूमिगत पार्किंग को तैयार नहीं किया गया है। कूड़े के ढेर, वातावरण में प्रदूषण फैलाने एवं बिल्डिंग को कमजोर करते गन्दे पानी का अनवरत जमाव, घोर अंधेरे का परिवेष, टूटी एवं खुली हुई नालियाँ, सुरक्षा एवं संरक्षा का अभाव एवं लिफ़्ट का भूमिगत तल नहीं जाना- ऐसे में जिनकी पार्किंग भूमिगत है, वे ठोकरें एवं अन्य लोगों की झिड़कियों को सुनते हुए इधर उधर अपनी गाड़ियों को पार्क करने को मजबूर हैं।
उन्होंने बताया कि बिल्डर ने कुछ टावरों में फ़्लैट का पजेसन तो दे दिया है लेकिन अभी तक रजिस्ट्री नहीं कराई है जबकि स्टाम्प का शुल्क पहले ही ले लिया है।
आंदोलनकारियों का कहना है कि अभी तक यह बिल्डर डीजी सेट को ऑटो मोड में नहीं कर पाया है। एनपीसीएल की सप्लाई जाने पर आधे-आधे घंटे तक डीजी सेट नहीं चल पाते हैं। इससे इस भीषण गर्मी में सभी लोग परेशान हैं। यहां के लोगों को परेशान करना बिल्डर की आदत बन गई है । आधे घंटे तक डीजी सेट का नहीं चलना इसके घटिया रख रखाव को बताता है। ऊपर से इसका रेट मनमानी ढंग से रखा हुआ है।
आंदोलनकारियों की यह भी शिकायत है कि गेट नम्बर एक को बिल्डर अभी तक बंद रखा हुआ है जिसे बहुत पहले खुल जाना चाहिए था। बिल्डर पर उन्होंने झूठ बोलने आरोप लगाया और कहा कि इसे खोलने की कल की तारीख़ें दे देता है।
उनका यह भी आरोप है कि बिल्डर बच्चों के पार्क तक को खा गया है। क्लब अभी तक पूरा नहीं हुआ है। टावरों की साफ़-सफ़ाई एवं सार्वजनिक स्थानों का रख-रखाव तो निचले स्तर पर चला गया है।
उन्होंने बताया कि पूरे सोसायटी में सेफ़्टी का मॉनिटरिंग सिस्टम फेल है। कोई भी दुर्घटना कभी भी हो सकती है। बार बार नोटिस देने के बाद भी बिल्डर एओए बनाने के लिए आगे नहीं आ रहा है और न ही आवश्यक डॉक्यूमेंट्स दे रहा है क्योंकि आज कल कमाई का सबसे बड़ा यही स्रोत बचा है।