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ईडब्ल्यूएस कोटे से एडमिशन न लेने वाले स्कूलों की मान्यता रद हो

एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन ने गौतमबुद्ध नगर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर की मांग

नोएडा। एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन ने गौतमबुद्ध नगर ने आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) कोटे से गरीब वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश न देने वाले स्कूलों की मान्यता रद करने की मांग की है। एसोसिएशन ने कुछ ही दिनों पहले प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में निजी स्कूलों पर मनमानी का आरोप लगाया गया है।

एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुखपाल सिंह तूर ने बताया कि १-२ दिन पहले ही मीडिया रिपोर्ट में प्रकाशित हुआ है कि जिले में आरटीआई के तहत ईडब्ल्यूएस कोटे की कुल 18 हजार सीट उपलब्ध है। इनमें से मात्र पांच हजार 581 छात्रों को प्रवेश मिल रहा। यानि कि कुल उपलब्ध सीटों का मात्र 31 प्रतिशत सीट पर ही प्रवेश हो रहा है। निजी स्कूल सरकारी आदेशों की अवहेलना किए जा रहे हैं।

सुखपाल सिंह ने बताया कि पिछले साल भी निजी स्कूलों ने सरकारी आदेशों की जमकर अवहेलना की। अभिभावकों ने लगभग सभी के दरवाजे खटखटाए लेकिन अभिभावकों को कहीं से कोई सहायता नहीं मिली।

जरुरतमंदो को शिक्षा नहीं मिलना आरटीआई (सूचना का अधिकार) एक्ट के साथ ही भारतीय संविधान के आर्टिकल 14, 21, 21ए, 38 और 41 का भी उल्लंघन है। जबकि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) एक्ट में प्रावधान है कि सभी निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीट ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए रिज़र्व रखा जाए।

सुखपाल सिंह ने बताया कि पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी से निवेदन किया गया है कि जो भी स्कूल ईडब्ल्यू कोटे में एडमिशन लेने से मना कर रहे उन सभी स्कूलों को चेतावनी पत्र जारी कर तय समय सीमा में एडमिशन लेने के लिए आदेश दिया जाए। अगर फिर भी एडमिशन नहीं दिया जाता तो उनकी मान्यता रद करने के के लिए कार्यवाही किया जाए। साथ में ये भी मांग रखी गई के कोरोना महामारी शुरू होने से अब तक ईडब्ल्यूएस कोटे के हिसाब से सभी सीट पर तत्काल प्रवेश दिलाया जाए।

मनीष कुमार व राहुल गर्ग ने बताया के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी इसके बारे में पत्र भेजा गया है। कुछ दिन पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन से मिलने की कोशिश की गई थी लेकिन वो किसी सरकारी काम से बाहर गए हुए थे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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