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प्रतिक्रियाः ‘शकुनियों के ‘लाक्षागृह’ से ‘सत्य’ सकुशल बाहर आया”: योगी

गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए षड्यंत्रकारियों को माफी मांगने को कहा है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर लिखा “माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात दंगों के संबंध में आदरणीय प्रधानमंत्री जी को दी गई क्लीन चिट सत्य के सकुशल व विजयी होने का उद्घोष है। षड्यंत्रकारियों को देश से सार्वजनिक क्षमा मांगनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका जाकिया जाफरी की ओर से दाखिल की गई थी। कोर्ट ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट को सही माना है। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने ये फैसला सुनाया है।

मैराथन सुनवाई के बाद कोर्ट ने दिया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने सात महीने पहले 9 दिसंबर 2021 को जाकिया जाफरी की याचिका पर मैराथन सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। गुजरात दंगों की जांच के लिए बनी एसआईटी ने तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे अब के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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