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उत्तर प्रदेशलखनऊ

तैयारीः वैश्विक बाजार में मचेगी ब्रांड यूपी की धूम

खूबसरती से भरपूर वैविध्यता पूर्ण ओडीओपी उत्पाद बनेंगे जरिया

लखनऊ। वैश्विक बाजार में “ब्रांड यूपी” की धूम मचेगी। विविधता से भरपूर ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) के खूबसूरत उत्पाद इसका माध्यम बनेंगे। यह एक तरीके से उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पादों को “लोकल से ग्लोबल” बनाने की तैयारी है। प्रदेश सरकार ने इस बाबत मुकम्मल तैयारी की है।

वैश्विक बाजार की संभावनाओं वाले तीन दर्जन देश चिह्नित

इस क्रम में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उन वैश्विक बाजारों को चिह्नित किया है जहां ओडीओपी उत्पादों की ठीकठाक मांग हैं। चिह्नित किए गए ऐसे देशों की संख्या करीब तीन दर्जन है। इनमें मध्य पूर्व (संयुक्त अरब अमीरात, टर्की, इराक, ईरान, मिस्र, कतर),  सीआईएस (स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रमंडल), रूस, बेलारूस, उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान और यूरोपियन यूनियन के देश (आस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, साइप्रस, चेक गणराज्य,  एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातीविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, आदि शामिल हैं। नार्डिक देश (स्वीडन, फिनलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे और आइसलैंड) और अफ्रीका के देश शामिल हैं।

दूतावासों से हो चुकी है वर्चुअल बैठकें

इन सभी देशों के भारतीय दूतावासों से वर्चुअल बैठकों के जरिये संवाद स्थापित किया जा चुका है। इस बातचीत के आधार पर सरकार संबंधित देशों के सक्षम ग्राहकों और प्रदेश में ओडीओपी के निर्यात से जुड़े उद्यमियों के साथ बायर-सेलर मीट (वर्चुअल) का आयोजन शीघ्र करेगी।

जो दिखेगा, वही बिकेगा

आधुनिक बाजार के बारे में कहा जाता है कि जो दिखेगा, वही बिकेगा। ओडीओपी उत्पाद देश-दुनिया के बाजारों में दिखें, इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले मशहूर मेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। निर्यात बढ़ाने के लिए तो अंतरराष्ट्रीय मेलों व प्रदर्शनियों की काफी कारगर भूमिका होती है। उत्तर प्रदेश सरकार इस बाबत लगातार प्रयास भी कर रही है। यही वजह है कि 2021-22 में प्रदेश के निर्यातकों को एक्सपोर्ट गेटवे टू अफ्रीका, इस्ताम्बुल टर्की, दुबई एक्सपो और वर्चुअल मेलों- टेक्सटाइल एण्ड अपैरल ग्लोबल ऑनलाइन शो, कार्पेट्स, रग्स, लेदर प्रोडक्ट्स, फुटवियर ग्लोबल ऑनलाइन शो, भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में प्रतिभाग कराया गया है। इसी क्रम में वर्ष 2022 में प्रस्तावित इण्डिया इण्टरनेशनल हॉस्पिटलिटी एक्सो एवं वर्ल्ड फर्नीचर एक्सपो में प्रदेश की निर्यातक इकाइयों का प्रतिभाग सुनिश्चित किया जा रहा है।

निर्यात सारथी ऐप” बनेगा मददगार

ओडीओपी उद्यमियों को निर्यातोन्मुखी बनाए जाने के उद्देश्य से सभी जानकारियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के लिए “निर्यात सारथी ऐप” के विकास की कार्यवाही  प्रक्रियाधीन है । इस ऐप के विकसित होने बाद उद्यमियों को सभी जरूरी सूचनाएं एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी।

ऑनलाइन बाजार पर फोकस

दौर ऑनलाइन बाजार का है। युवा तो इसके प्रति क्रेजी हैं। उत्तर प्रदेश देश का सबसे युवा प्रदेश है। लिहाजा, यहां ऑनलाइन बाजार की संभावनाएं और बढ़ जाती हैं। खरीदारों के साथ उद्यमियों को अपने उत्पाद की वैश्विक स्तर पर उपस्थिति के लिए भी अधिक्तम ऑनलाइन प्लेटफार्म जरूरी है। इन जरूरतों को समझते हुए सरकार दिग्गज ई – कॉमर्स कम्पनियों मसलन वॉलमार्ट, अमेजन, फ्लिपकार्ट के साथ मेमोरेण्डम ऑफ अन्डरस्टैंडिंग (एमओयू) कर चुकी। वॉलमार्ट के साथ किए गए एमओयू के अन्तर्गत प्रदेश के प्रमुख जिलों में वृद्धि वर्कशॉप का आयोजन करते हुए अधिकाधिक संख्या में ओडीओपी उद्यमियों के ई – कॉमर्स प्लेटफार्म पर पंजीकरण के साथ ही पोर्टल प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ।

उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बनाने की तैयारी

ओडीओपी  उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए उन्हें अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये क्वालिटी काउन्सिल ऑफ इण्डिया व इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के साथ भी एमओयू हस्ताक्षरित करते हुए ओ.डी.ओ.पी. उद्यमियों को वांछित अद्यतन अन्तराष्ट्रीय मानकों से परिचित कराया जा रहा है । सरकार की मंशा शीघ्र ही प्रदेश में इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग की शाखा खोलने की है।

क्या कहते हैं एमएसएमई के एसीएस

एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल बताते हैं कि प्रदेश के हर जिले में एक या एक से अधिक ऐसे उत्पाद हैं जो अपनी खूबियों के लिए जाने जाते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनको और लोकप्रिय बनाने, इनसे जुड़े लोगों की बेहतरी के लिए चार साल पहले ओडीओपी योजना लांच की। इसके अब तक के नतीजे बेहद शानदार रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना की चुनौती के बावजूद पिछले वित्तीय वर्ष निर्यात में 30 फीसद की वृद्धि हुई। इसमें 70 फीसद योगदान ओडीओपी से जुड़े उत्पादों का है। अगले पांच साल में निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए ओडीओपी उत्पादों को लेकर विदेश के संभावित बाजारों को केंद्र में रखकर रणनीति तैयार की जा रही है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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