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दावाः सूर्या कंपनी को एक सप्ताह में खराब लाइटें दुरुस्त करने के निर्देश

तीन प्रमुख मार्गों पर 90 फीसदी स्ट्रीट लाइट जलती मिलीं, 10 फीसदी मिली बंद, ग्रेनो प्राधिकरण व आरडब्ल्यूए की टीम ने लिया जायजा

ग्रेटर नोएडा। स्ट्रीट लाइटों से जुड़ी शिकायतों पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, सूर्या कंपनी और विभिन्न आरडब्ल्यूए की संयुक्त टीम ने ग्रेटर नोएडा के तीन मुख्य मार्गों का जायजा लिया। तीनों मार्गों पर करीब 90 फीसदी स्ट्रीट लाइट जलती पाई गईं। करीब 10 फीसदी स्ट्रीट लाइट बंद मिलीं। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने सूर्या कंपनी को इन स्ट्रीट लाइटों को भी एक सप्ताह में दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।

सूर्या कंपनी की है जिम्मेदारी

दरअसल, ग्रेटर नोएडा में पुरानी स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में कनवर्ट किया जा रहा है। इसका जिम्मा सूर्या कंपनी को मिला हुआ है। कुल 54 हजार स्ट्रीट लाइटों में से अब तक 47 हजार से अधिक पुरानी स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में कनवर्ट किया जा चुका है। शेष लाइटों को भी इस वर्ष के अंत तक एलईडी में कनवर्ट करने की योजना है। स्ट्रीट लाइटें बंद होने की शिकायतों का निवारण करने के लिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ सुरेन्द्र सिंह के निर्देश पर विद्युत अभियांत्रिकी, सूर्या कंपनी और सेक्टरों व सोसायटियों के आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि रात में मौके पर जाकर जायजा लेते हैं। इसी कड़ी में बुधवार शाम अंधेरा होने के बाद प्राधिकरण और आरडब्ल्यूए की टीम ग्रेटर नोएडा के 130 मीटर रोड, 60 मीटर रोड व सूरजपुर एंट्री प्वाइंट से कुलेसरा ब्रिज तक जायजा लिया। प्राधिकरण के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के प्रभारी डीजीएम सलिल यादव ने बताया कि 130 मीटर रोड पर हिंडन पुल  से तिलपता रोटरी तक 1342 स्ट्रीट लाइटों में से 107 बंद मिले। 60 मीटर रोड पर यामहा कंपनी से किसान चौक तक 486 स्ट्रीट लाइटों में से 30 बंद मिलीं और सूरजपुर एंट्री प्वाइंट से कुलेसरा ब्रिज तक 233 स्ट्रीट लाइटों में  से 25 बंद मिलीं। इस तरह लगभग 90 फीसदी से अधिक स्ट्रीट लाइटें जलती पाई गईं। उन्होंने बताया कि खराब स्ट्रीट लाइटों को एक सप्ताह में दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना केआर वर्मा ने चेतावनी दी है कि अगर स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव में लापरवाही बरती गई तो कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ग्रेटर नोएडावासियों से अपील की है कि हेल्पलाइन नंबर (7982300721) पर 24 घंटे स्ट्रीट लाइटों के बंद होने से जुड़ी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। उन खराब स्ट्रीट लाइटों को तत्काल दुरुस्त कराया जाएगा।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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