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विडियो वायरल मामलाः तीन मामलों में श्रीकांत त्यागी को मिली जमानत

लेकिन अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा, गुंडा एक्ट में नहीं मिली है जमानत

नोएडा भाजपा के कथित नेता श्रीकांत त्यागी को तीन मामलों में जमानत मिल गई है लेकिन गुंडा एक्ट के मामले में जमानत नहीं मिली है। इसलिए वह अभी जेल में ही रहेगा। वह महिला से बदतमीजी, गाली-गलौज, धक्कामुक्की करने के आरोप में दर्ज मुकदमों में जेल में बंद है।

किन मामलों में मिली है जमानत

श्रीकांत त्यागी को भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 420 और गाली-गलौज के मामले में जमानत मिली है। लेकिन उस गुंडा एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में उसे जमानत नहीं मिल पाई है। इस कारण उसे अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। श्रीकांत त्यागी के वकील अन्य मामलों में जमानत कराने के प्रयास में हैं। श्रीकांत के करीबियों को भरोसा है कि जल्दी ही गुंडा एक्ट में भी उसकी जमानत हो जाएगी और वह जेल से बाहर अपनों के बीच होगा।

क्या है मामला

नोएडा की ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी में एक महिला से गाली-गलौज, बदसलूकी, धक्का-मुक्की करने का विडियो तेजी से वायरल हुआ था। इस मामले को पुलिस ने संज्ञान लेकर श्रीकांत त्यागी के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए थे। अपने खिलाफ मामला दर्ज होते ही श्रीकांत भूमिगत हो गया था। इसी बीच सांसद महेश शर्मा ने त्यागी की गिरफ्तारी के पुलिस पर दबाव बनाया। इसे लेकर उन्होंने लखनऊ में गृह विभाग से प्रमुख सचिव (एसीएस) से बात भी की थी। इससे पुलिस पर उसे गिरफ्तार करने के लिए और अधिक दबाव बढ़ गया। आखिरकार पुलिस ने उसे मेरठ से गिरफ्तार कर लिया।

जातीय रूप लिया

श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी के बाद मामले ने जातीय रूप ले लिया। कुछ राजनीतिक दल, संगठन और त्यागी समाज के कुछ लोग इसे त्यागी समाज के उत्पीड़न के रूप में लिया। इसके लिए महापंचायत भी हुई। महापंचायत के जरिये श्रीकांत त्यागी को छोड़ने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया गया और दस दिनों का समय दिया गया।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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