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चेतावनीः पानी उपयोग के लिए रजिस्ट्रेशन और एनओसी लें वाणिज्यिक उपभोक्ता

बिना पंजीकरण व एनओसी लिए पानी का दोहन करते पाए जाने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई

नोएडा। पानी उपयोग के लिए वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को रजिस्ट्रेशन कराना और अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा। इनके अभाव में यदि कोई वाणिज्यिक उपभोक्ता पानी का दोहन करते पाया गया तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी।

यह चेतावनी गौतम बुद्ध नगर जिले के मुख्य विकास अधिकारी एवं सदस्य सचिव जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद के निर्देशों के क्रम में हाइड्रोलॉजिस्ट एवं नोडल अधिकारी जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद गौतम बुद्ध नगर ने दी है।

भूगर्भ जल के स्तर में निरन्तर गिरावट

उन्होंने गौतमबुद्ध नगर जिले के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से कहा है कि प्रदेश में जल के अनियन्त्रित दोहन एवं अवैज्ञानिक प्रबन्धन के कारण भूगर्भ जल के स्तर में निरन्तर गिरावट जारी है। इसके प्रबन्धन एवं विनियमन के लिए प्रदेश में उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल ( प्रबंधन और विनियमन) अधिनियम-19 दिनांक 02 अक्टूबर 2019 से ही लागू है।  इसके अन्तर्गत सभी वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को पंजीकरण और अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है।

रुकेगी पानी की बरबादी, मिलेगा राजस्व

उन्होंने कहा कि अधिनियम के लागू होने से जहां एक ओर पानी की बरबादी को रोका जा सकेगा वहीं दूसरी ओर भूगर्भ जल का व्यावसायिक उपयोग करने वाले लोगों से राजस्व की प्राप्ति होगी।

तुरंत जल दोहन बंद करने की चेतावनी

उन्होंने गौतमबुद्ध नगर जिले के ऐसे सभी वाणिज्यिक उपभोक्ताओं जो अनाधिकृत रूप से जल दोहन कर रहे हैं उन्हें अविलम्ब अनाधिकृत रूप से जल का दोहन बन्द कर हुए नियमानुसार पंजीकरण कराने और अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए upgwdonline.in पर ऑनलाइन आवेदन करने की चेतावनी दी है।

पंजीकरण व एनओसी के लिए 30 दिन

उन्होंने बताया कि 30 दिन के बाद यदि बिना पंजीकरण और अनापत्ति प्रमाण पत्र के किसी वाणिज्यिक उपभोक्ता ने जल का दोहन किया तो ऐसे वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।

जल अधिनियम के मुख्य बिंदु

अधिनियम का नाम – उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन और विनियमन) अधिनियम-2019

अधिसूचित क्षेत्र – शासन द्वारा वर्तमान में जनपद के चार विकास खण्डों क्रमशः बिसरख, जेवर, नोएडा प्राधिकरण एवं ग्रेटर नोएडा को अधिसूचित क्षेत्र के अधीन रखा गया है।

उपभोक्ता का पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं राजस्व वसूली: जनपद के सभी क्षेत्रों के भूगर्भ जल दोहन करने वाले उपभोक्ता का पंजीकरण अनिवार्य है तथा घरेलू एवं कृषि कार्य के लिए भूगर्भ जल का दोहन करने वाले उपभोक्ता के लिए पंजीकरण और अनापत्ति प्रमाण पत्र निःशुल्क हैं। भूगर्भ जल के उपयोग की मात्रा के आधार पर भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अधिनियम के अनुसार निर्धारित दर पर राजस्व की वसूली की जाएगी।

ड्रिलिंग एजेन्सी के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य: जिले में भूगर्भ जल के दोहन के लिए ड्रिलिंग एजेन्सी को अधिनियम के अनुसार निर्धारित शुल्क जमा कर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके लिए प्रत्येक एजेन्सी को निर्धारित शुल्क प्रति जनपद प्रति तीन वर्ष के लिए देय होगा।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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