सदनः विधानसभा का द्वितीय सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित
कई मामलों में महत्वपूर्ण रहा यह सत्र, एक बार भी सदन स्थगित नहीं करना पड़ा, सभी दलों का मिला सहयोग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का द्वितीय सत्र शुक्रवार से अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। प्रथम सत्र की तरह इस बार भी पांच उपवेशनों की कार्यवाही के दौरान एक बार भी सदन स्थगित नहीं हुआ। जो विधानसभा में पूर्व हुई कार्यवाहियों में सबसे अलग रहा। सदन की कार्यवाही कुल 18 घंटे 11 मिनट चली।
ये प्रश्न प्राप्त हुए
सदन की कार्यवाही के दौरान अल्पसूचित प्रश्न एक, तारांकित प्रश्न 639, अतारांकित प्रश्न 2487 प्राप्त हुए। इनमें कुल 627 प्रश्न उत्तरित हुए। जिसमें 1553 प्रश्न (43.23 प्रतिशत) ऑनलाइन प्राप्त हुए। इसी प्रकार सरकार से वक्तव्य मांगने वाले नियम 51 के अन्तर्गत 466 सूचनाएं प्राप्त हुईं। जिन्हें वक्तव्य के लिए 11 व केवल वक्तव्य के लिए 4 एवं ध्यानाकर्षण के लिए 101 को स्वीकार किया गया।
कुल 327 सूचनाएं प्राप्त हुई
19 सितंबर से प्रारम्भ हुए 18वीं विधानसभा के द्वितीय सत्र में नियम-301 के तहत कुल 327 सूचनाएं प्राप्त हुई। इनमें 105 को स्वीकृत किया गया जबकि 222 सूचनाओं को अस्वीकृत किया गया। नियम 56 के अन्तर्गत कुल 58 सूचनाएं प्राप्त हुई जिसमें 7 अग्राह्य हुईं जबकि 2 सूचनाओं पर ध्यानाकर्षण किया गया।
सदन को 1844 याचिकाएं मिलीं
इस सत्र में कुल-1844 याचिकाएं सदन में प्राप्त की गईं। इनमें 1072 ग्राह्यता के बाद स्वीकार की गईं। सदन की कार्यवाही के दौरान नियम 56 के अर्न्तगत विभिन्न प्रकार के जनहित के प्रश्नों को उठाया गया। नियत सीमा से अधिक प्रस्तुत एवं विलम्ब से प्राप्त 772 याचिकाएं अग्राह्य हुईं।
विस अध्यक्ष ने की तारीफ
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नेता सदन योगी आदित्यनाथ सहित नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, अपना दल (एस) के नेता राम निवास वर्मा, राष्ट्रीय लोकदल के नेता राजपाल सिंह बालियान, निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आग दल के नेता अनिल कुमार त्रिपाठी, भारतीय सुहेलदेव पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता कुंवर रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया, बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह सहित सभी दलीय नेताओं के सहयोग की प्रशंसा की।
संसदीय कार्य मंत्री ने सवालों के दिए जवाब
संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष की तरफ से उठाए गएए नियम 51, 56, 301 एवं अन्य सूचनाओं, बिलों के पारण और बहसों पर समाधान परक उत्तर देकर सदन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने मंत्रिमण्डल के सदस्यों को निरंतर सदन में उपस्थित रहकर उत्तर देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।