कार्यशालाः ई-कचरे, इलेक्ट्रॉनिक कचरे का मानव व पर्यावरण पर प्रभाव कराया गया अवगत
"ई-अपशिष्ट और इसके खतरे" कार्यशाला में लोगों ने किया ग्रुप डिस्कशन, लोग हुएए जागरूक
नोएडा। आरडब्ल्यूए सेक्टर 51 और एचसीएल फाउंडेशन के संयुक्त सहयोग से बाल उद्यान सेक्टर 51 में “ई-अपशिष्ट और इसके खतरे” पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला ”आदतें बदलो” शीर्षक परियोजना के तहत किया गया था।
संयुक्त पहल
आदतें बदलो आरएलजी सिस्टम्स इंडिया और एचसीएल फाउंडेशन की एक संयुक्त पहल है। इसका उद्देश्य लोगों को ई-कचरे, इलेक्ट्रॉनिक कचरे, मानव और पर्यावरण पर इसके हानिकारक प्रभाव और ई-वेस्ट प्रबंधन के महत्व के बारे में लोगों को संवेदनशील बनाने पर जोर देना था।
ग्रुप डिस्कशन भी
कार्यक्रम में आरडब्लूए 51 की टीम और निवासियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस जागरूकता कार्यक्रम में आपसी ग्रुप डिस्कशन भी किया गया। कार्यक्रम के जरिए सेक्टर 51 के निवासियों को ई वेस्ट के संबंध में और ई-वेस्ट के जरिए पर्यावरण को होने वाली खतरे और हानियों के विषय में जानकारी दी गई।
एक सप्ताह में लगेगी ई-वेस्ट बीन
एचसीएल फाउंडेशन की ओर से अगले एक सप्ताह के अंदर सेक्टर में ई-वेस्ट बीन भी लगवाई जाएगी। कार्यक्रम के दौरान एचसीएल फाउंडेशन ने आरडब्लूए सेक्टर 51 को सर्टिफिकेट और पौधा देखकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में ग्रुप डिस्कशन के दौरान अपने सुझाव और ई-वेस्ट पर अपनी राय रखने वाले प्रतिभागियों को एचसीएल फाउंडेशन ने उपहार देकर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त सभी प्रतिभागियों के लिए जलपान की व्यवस्था भी एचसीएल ने की थी। एचसीएल फाउंडेशन और आरएलजी रिवर्स लॉजिस्टिक्स ग्रुप द्वारा किए गए इस वेस्ट प्रोग्राम के जरिए सेक्टर 51 के निवासियों को इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट के जरिए होने वाले प्रदूषण के बारे में जागरूक किया गया। सभी ने माना कि अगर हम अपने इलेक्ट्रॉनिक्स ही वेस्ट का डिस्पोजेबल सही से करेंगे तो पर्यावरण को ई-वेस्ट के जरिए होने वाले प्रदूषण से बचा सकेंगे।