मददगारः जिला जेल में बंद कैदी की गलगोटिया विश्वविद्यालय ने आर्थिक सहायता की
सजा पूरी हो गई थी लेकिन आर्थिक दंड नहीं भर पा रहा था, इसलिए नहीं हो पा रही थी रिहाई
ग्रेटर नोएडा। गलगोटिया विश्वविद्यालय के विधिक सहायता और मध्यस्त केन्द्र ने जिला जेल में बंद कैदी की आर्थिक सहायता देकर उसकी रिहाई में मददगार बना। कैदी अपनी सजा पूरी कर चुका था लेकिन सरीबी के कारण आर्थिक दंड का भुगतान नहीं कर पा रहा था। इसलिए उसकी रिहाई नहीं हो पा रही थी। गलगोटिया विश्वविद्यालय ने अर्थ दंड जमा कर उसकी रिहाई में मददगार बना।
क्या है मामला
गाजियाबाद के विजय नगर निवासी हैप्पी पुत्र दिलीप कुमार को वर्ष 2019 में पांच अलग-अलग मामलों में प्रत्येक में ढाई-ढाई साल की सजा हुई। इसके अलावा कुल 10 हजार रूपये आर्थिक दण्ड की सजा भी दी गई थी। ये सभी पाँचों कारावास का समय एक साथ ही लागू था। हैप्पी सजा काट चुका था लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण जुर्माना राशि जमा नहीं कर पा रहा था।
कैसे सुलझा मामला
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौतमबुद्ध नगर के सचिव जय हिंद कुमार सिंह और पैनल अधिवक्ता संदीप कुमार की मध्यस्ता के द्वारा गलगोटिया विधिक सहायता केन्द्र ने जुर्माना राशि को जमा कराकर हैप्पी को रिहा कराया।
इन्होंने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
विश्वविद्यालय की ओर से जिला विधिक प्राधिकरण के साथ संयोजन में गलगोटिया विधिक सहायता और मध्यस्तता केंद्र के सह संयोजक प्रोफेसर डॉक्टर नरेन्द्र बहादुर सिंह ने विधि संकाय की डीन प्रोफेसर डॉक्टर नमिता सिंह मलिक के निर्देशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉक्टर नमिता सिंह मलिक ने कहा कि विश्वविद्यालय का विधिक सहायता केन्द्र कुलाधिपति सुनील गलगोटिया, सीईओ ध्रुव गलगोटिया और संचालन निदेशक आराधना गलगोटिया के संरक्षण में समाज के हित के लिए लगातार कार्य कर रहा है और भविष्य में भी करता रहेगा।