बैठकः भारतीय सड़क कांग्रेस का अधिवेशन कल, मुख्यमंत्री ने तैयारियों की समीक्षा की
सभी डेलीगेट्स की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो, आयोजन को बेहतर बनाएं, अधिवेशन में इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को भी बुलाएं
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर वीरवार को आयोजित बैठक में 8 अक्टूबर से होने होने वाली भारतीय सड़क कांग्रेस के 81वें अधिवेशन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की मेजबानी में 8 अक्टूबर से आयोजित भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) के 81वें अधिवेशन में कई केंद्रीय मंत्री आएंगे। इसके अलावा, सड़क निर्माण से जुड़ी राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं और कंपनियों के करीब 1,500 प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह अधिवेशन सभी प्रतिनिधियों के लिए अविस्मरणीय हो, इस भाव के साथ तैयारियां समय से पूरा करें।
प्रदेश ने प्रस्तुत किया है मॉडल
उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में प्रदेश में सड़क निर्माण की तकनीक सुधार की दिशा में अभिनव कार्य हुए हैं। बॉर्डर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में प्रदेश ने एक मॉडल प्रस्तुत किया है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने एफडीआर तकनीक आधारित सड़क तैयार कर न केवल सड़क की गुणवत्ता को बेहतर किया, बल्कि लागत को भी कम किया है। फुल डेप्थ रेक्लेमेशन तकनीक यानी एफडीआर के जरिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण कार्य कराया जा रहा है। आज भारत सरकार ने कई राज्यों को हमारे इस मॉडल को सीखने एवं जानने को भेजा है। प्लास्टिक वेस्ट से सड़कें बन रही हैं। आईआरसी में हमें प्रदेश के ऐसे नवाचारों से प्रतिनिधियों को परिचित कराना चाहिए।
विश्वसनीय कनेक्टिविटी तैयार की
उन्होंने कहा कि कहा कि कोविड की चुनौतियों के बावजूद हमने रिकॉर्ड समय में पूरी गुणवत्ता के साथ बिना किसी विवाद के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे के रूप में विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी तैयार की है। प्रतिनिधियों को इनका फील्ड विजिट भी कराया जाना चाहिए। आईआरसी अधिवेशन में देश-दुनिया की नवीनतम तकनीकों पर विमर्श होगा। ये हमारे इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी होगा। ऐसे में विभिन्न इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थियों को भी सहभागी बनाया जाए। इस संबंध में शिक्षण संस्थानों से संवाद हो।
हरिहरपुर घराने के कलाकार आमंत्रित हों
उन्होंने कहा कि भारतीय सड़क कांग्रेस में प्रतिभाग करने वाले डेलीगेट्स की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ ही, आयोजन को बेहतर आतिथ्य एवं सत्कार के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। भारतीय संगीत की प्राचीनतम विरासत हरिहरपुर घराने के कलाकारों को प्रस्तुति के लिए आमंत्रित करें। यह घराना शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य यानी तीनों विधाओं से सम्बद्ध है। हमें डेलीगेट्स को अपनी इस अमूल्य सांस्कृतिक विरासत से परिचय जरूर कराना चाहिए।
कई सड़कों को चौड़ा करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले तक मात्र एक एक्सप्रेस-वे वाले प्रदेश में आज 6 एक्सप्रेस-वे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग भी 5 वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुने हो गए हैं। बॉर्डर एरिया में शानदार कनेक्टिविटी है। भविष्य की जरूरत को देखते हुए प्रदेश के विभिन्न राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण की जरूरत है। ऐसे में मार्गों का चिन्हीकरण करते हुए इनके राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकरण व चौड़ीकरण के संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा जाना चाहिए।
सड़कों के रखरखाव का बेहतर इंतजाम हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण के साथ ही उसके रखरखाव का भी पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। समय-समय पर सड़कों की मरम्मत हो। बारिश का मौसम अंतिम चरण में है। ऐसे में सड़कों की मरम्मत और गड्ढा मुक्ति का कार्य किया जा सकता है। लोनिवि, नगर विकास, सिंचाई, आवास एवं शहरी नियोजन, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, गन्ना विकास विभाग, औद्योगिक विकास विभाग सहित सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभाग इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार करें। औद्योगिक क्षेत्रों और कृषि मंडी क्षेत्रों में अच्छी सड़कों का होना आवश्यक है। इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
अच्छी सड़क सभी का अधिकार
उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति गांव में रहता हो या फिर मेट्रो सिटी में, अच्छी सड़कें, बेहतर कनेक्टिविटी उसका अधिकार है। ऐसे में सड़क सिंगल लेन की हो अथवा दो, चार या छः लेन की, उसकी गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क निर्माण की परियोजनाएं समय पर पूरी हों। समय-समय पर इनके गुणवत्ता की जांच की जाए। लापरवाही अथवा अधोमानक सड़कों के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ जवाबदेही तय की जाए।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, लोक निर्माण राज्य मंत्री बृजेश सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव शहरी विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नरेन्द्र भूषण, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण, निदेशक सूचना शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।