मुख्यमंत्री कार्यालय की सिफारिश के बाद बीजेपी विधायक को आईसीयू में मिला बेड
सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल
बरेली: कोरोना पॉजिटिव आने के बाद नवाबगंज विधायक केसर सिंह गंगवार को बिना सिफारिश बेड नहीं मिला। इमरजेंसी वार्ड में ही इलाज कराना पड़ा सोमवार को विधायक की बेटी सोनम गंगवार ने बरेली के आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप की मदद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रमुख सचिव चिकित्सक तक अपनी बात रखी। आलम यह है कि कोरोनावायरस के इस दौर में जब नेताओं को ही बिना सिफारिश बेड नहीं मिल रहा है तो आम जनता क्या करें यह सोचने वाली बात है जहां सरकार एक तरफ दावा करती है कि हमारे पास बेड की कोई कमी नहीं है वहां ऐसी दिक्कतें क्यों आती है ?
ओएसडी व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य चिकित्सक द्वारा मामले में दखल देते हुए यथार्थ हॉस्पिटल के प्रबंधक से बात की। लखनऊ से दबाव पड़ने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने विधायक केसर सिंह गंगवार के लिए आईसीयू में बेड की व्यवस्था की . विधायक की बेटी सोनम ने बताया है कि बेहतर सुविधा मिलने के बाद उनके पिता की हालत पहले से ठीक है। ऑक्सीजन का लेबल धीरे धीरे ठीक होता जा रहा है। सोनम ने शासन के अधिकारियों की मदद के लिए धन्यवाद भी दिया है। वार्ता के दौरान बताया है की जिलाधिकारी भी फोन कर जानकारी ले रहे है।
बता दें कि नवाबगंज विधायक केसर सिंह गंगवार बीते दिनों पंचायत चुनाव प्रचार के समय कोरोना से संक्रमित हो गए थे। विधायक का उपचार भोजीपुरा स्थित मेडिकल कॉलेज में चल रहा था लेकिन हॉस्पिटल में प्लाज्माथेरेपी न होने के कारण विधायक केसर सिंह की तबियत ज्यादा बिगड़ती जा रही थी। प्लाज्माथेरेपी के लिए विधायक के घरवाले अधिकारियों से बात कर रहे थे। इसके बाद विधायक केसर सिंह के बेटे विशाल गंगवार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की जिसमें लिखा था कि उत्तरप्रदेश सरकार अपने विधायकों का भी कोरोना का इलाज नहीं करा पा रही है। मेरे द्वारा कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय पर फोन किया गया परंतु किसी ने एक फोन भी नहीं उठाया, विधायक के बेटे विशाल गंगवार ने सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा दिया जिससे आम जनता सरकारी अधिकारियों में यह मैसेज किया की सरकार जब अपने विधायक का इलाज नहीं कर पा रही है तो आम जनता का इलाज क्या करेगी।
विधायक के बेटे विशाल कुमार के इस पोस्ट के बाद भाजपा नेताओं में हलचल सी मच गया। मामले की जानकारी लखनऊ तक पहुंची तो स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में आया और यथार्थ हॉस्पिटल में बेड रिजर्व कराने हेतु स्वास्थ्य मंत्रालय से पत्र पहुंचा जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने विधायक केसर सिंह को आईसीयू बेड पर कर दिया
सरकार पर खड़े होते सवाल
जब विधायक के परिवार को एक आईसीयू बेड दिलाने के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ी तो आम जनता का क्या हाल होगा। इस मामले ने सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। उत्तर प्रदेश में आए दिन हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं जिनमें से कुछ ठीक हो जा रहे हैं और कुछ को बेड भी नहीं मिल रहे हैं ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश में आईसीयू और वेंटिलेटर बेड की कमी है? अगर नहीं तो आम जनता के साथ साथ नेताओं को बिना सिफारिश बेड क्यों नहीं मिल रहे हैं?