आप ने लगाया बिल्डरों से मिलीभगत का आरोप
जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर रेरा न्यायालय के आदेशों का पालन करने का किया अनुरोध
ग्रेटर नोएडा। आम आदमी पार्टी (आप), ग्रेटर नोएडा की इकाई ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर रेरा न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करने का अनुरोध किया है।
आप कार्यकर्ता यहां जिलाधिकारी कार्यालय गए और वहां पर अपना ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि जिला प्रशासन द्वारा बिल्डरों से निवेशकों एवं खरीदारों के सैकड़ों करोड़ रुपयों की राजस्व वसूली नहीं की जा रही है। बिल्डरों से तुरंत वसूली करने की मांग की गई है।
ज्ञापन में जिलाधिकारी को अवगत कराया गया है कि ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में लाखों आवासीय फ्लैट और व्यावसायिक दुकानें बिल्डरों द्वारा जालसाजी और धोखाधड़ी करके बेचे गए थे। निवेशकों के कई साल के इंतजार के बाद भी बिल्डरों ने उनको उनके फ्लेट या व्यावसायिक दुकानों का कब्जा नहीं दिया है। ऐसे हजारों पीड़ित निवेशकों ने रेरा न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और बिल्डरों से पैसे वापसी के लिए रिट दाखिल की। जिस पर रेरा न्यायालय ने हजारों निवेशकों के पक्ष में धनराशि वापसी के आदेश दिए परंतु बिल्डरों ने रुपये वापस नहीं किए। इस पर रेरा न्यायालय ने रकम की वसूली के लिए रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर आपको (जिलाधिकारी) को वसूली के लिए भेजा। ऐसे सैकड़ों की संख्या में रिकवरी सर्टिफिकेट जिलाधिकारी कार्यालय में कई सालों से लंबित पड़े हैं जिस पर कोई कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है। प्रशासन ने न तो बिल्डरों के खातों को न तो सीज किया और न ही कोई कार्यवाही की। किसी बिल्डर के खाते अगर सीज भी किए तो केवल डिफेक्ट खातों को सीज किया गया मात्र दिखावे के लिए। अभी तक प्रशासन ने एक भी बिल्डर के खिलाफ न तो एफआईआर दर्ज की और न ही गिरफ्तारी की है। प्रशासन द्वारा उनकी संपत्ति कुर्क करने के नाम पर सिर्फ खानापूरी किया जा रहा है जबकि हजारों की संख्या में निवेशकों के कई सौ करोड़ रुपये बिल्डरों के पास गैरकानूनी तरीके से जमा है।
ज्ञापन में आश्चर्य व्यक्त किया गया है कि बिल्डरों द्वारा प्रशासन को कुर्क करने की ऐसी संपत्तियां बताई हैं जो या तो गैरकानूनी ढंग से बनाई गई है और उनके नक्शे पास नहीं हैं या ऐसी स्थिति में है कि उनको कोई खरीदेगा ही नहीं। इस तरीके से बिल्डर या तो प्रशासन को धोखा दे रहे है या मिलीभगत हे??
ज्ञापन के अनुसार कई बिल्डर तो ऐसे हैं जिन्होंने गौतमबुध नगर में पूर्व में अपने कार्यालय खोले थे अब अन्यत्र चले गए हैं। प्रशासन कहता है कि ऐसे बिल्डरों से वसूली संभव नहीं है। जबकि नियम के तहत ऐसे बिल्डरों पर आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा दर्ज कराते हुए इन्हें गिरफ्तार किया जाता और बकाए राशि की वसूली करते हुए जेल भेजा जाता। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि प्रशासन अपने दायित्वों से या तो भाग रहा है या तो इन्हें प्रश्रय दे रहा है। ऐसा भी संज्ञान में आया है कि बकाया वसूली के जिम्मेवार अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपने निजी लाभ के लिए बिल्डरों से मिल जाते हैं और वसूली नहीं करते। इन पर भी कड़ी नजर रखने और लगाम लगाने की जरूरत है??
ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि रेरा न्यायालय द्वारा जारी की गई रिकवरी सर्टिफिकेट पर वसूली करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। जो आरसी 6 महीने या इससे पहले जारी हुए हो गया है, ऐसे बिल्डरों पर एफआईआर दर्ज करते हुए जेल भेजा जाए। इनके कार्यालय व बैंक अकाउंट सभी सीज कर वसूली की जाए।
ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि कार्रवाई नहीं करने की दशा मे आप जन आंदोलन करने पर मजबूर होगी।