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दुर्व्यवहारः मरीज को डाक्टर ने धक्का दिया, इलाज के अभाव में मरीज की मौत

नोएडा के जिला अस्पताल में आए दिन मरीज और तीमरदार से दुर्व्यहार की होती है घटनाएं

नोएडा। नोएडा के जिला हॉस्पिटल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रकाश नामक व्यक्ति को उसके परिजन बृहस्पतिवार को यहां सुबह की करीब साढ़े पांच बजे इलाज के लिए सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल लाए थे। लेकिन डाक्टरों ने उसे देखने से इनकार कर दिया। उसे समय से इलाज नहीं मिलने से उसकी जान चली गई।

 

परिजनों ने महिला डाक्टर पर लगाए आरोप

प्रकाश के परिजनों का अस्पताल की महिला डाक्टर स्वाति पर आरोप है कि उसने धक्का मारकर बाहर कर दिया। मरीज को समय से दवा और इलाज नहीं मिला। इसके कारण उसकी जिला अस्पताल में ही मौत हो गई।

मामले की जांच की जा रही हैः सीएमओ जिला गौतमबुध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.सुनील कुमार शर्मा ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई होगी।

क्या है मामला

प्रकाश मूल रूप से दिल्ली के अली गांव का रहने वाला है। इसकी उम्र लगभग 35 वर्ष थी। परिवार में तीन बच्चों और अपनी पत्नी के साथ रहता था। उसे पेशाब बंद होने की समस्या थी। इसको लेकर वह काफी परेशान था। उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे नोएडा के जिला अस्पताल एक आस लेकर उसके परिजन पहुंचे थे। लेकिन क्या पता था कि यहां के बेरहम डॉक्टर उसको धक्का मार कर बाहर कर देंगे और उसे इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा और इलाज के अभाव में दम तोड़ देना पड़ेगा।

लापरवाही कई बार हो चुकी है, सुधरने को तैयार नही

यहां जिला अस्पताल में आए दिन किसी न किसी मरीज और तीमारदार के लापरवाही और दुर्व्यवहार अक्सर कर दी जाती है। यह नोएडा का जाना-माना सरकारी हॉस्पिटल है। इस अस्पताल का स्वास्थ्य मंत्री जो प्रदेश के उप मुख्यमंत्री भी हैं, ब्रजेश पाठक तीन-तीन बार अस्पताल का दौरा कर चुके हैं। उन्हें खुद अस्पताल में कई खामियां मिली थीं। उन्होंने मरीजों और तीमारदारों के पास बैठकर बातचीत भी की थी। बातचीत के दौरान मरीजों और तीमरदारों ने डाक्टरों और अस्पताल के स्टाफ पर दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए थे। उप मुख्यमंत्री ने इस पर अस्पताल के स्टाफ और डाक्टरों को सुधर जाने की नसीहत दी थी। लेकिन इनकी नसीहत का यहां के स्टाफ और डाक्टरों पर कोई असर नहीं हुआ है।

सुधार का दावा, हालत जस की तस

अभी बुधवार को ही लखनऊ में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज और व्यवस्था में सुधार का दावा किया था। इसके उलट आज इलाज नहीं मिलने और डाक्टर की बदतमीजी के कारण मजबूर प्रकाश की मौत हो गई।

परिजनों को शव सौंपा

फिलहाल परिजनों को शव को सौंप दिया गया है। सीएमओ जांच की बात कह रहे हैं। इसके पहले भी उन्होंने विभिन्न मामलों में जांच की बात कही थी। पता नहीं किसी के खिलाफ कार्रवाई हुई है यहीं। जांच रिपोर्ट तो कभी उजागर ही नहीं हुई।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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