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उपलब्धिः मनीष बेस्ट स्टूडेंट अचीवर नेशनल अवार्ड से सम्मानित, माता-पिता बेेहद खुश

यह सम्मान आईआरडीपी ग्रुप ऑफ जनरल्स, चेन्नई की ओर से आज रविवार को दिया गया

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के छात्र मनीष कुमार त्रिपाठी को बेस्ट स्टूडेंट अचीवर नेशनल अवार्ड-2022 से सम्मानित किया गया। उन्हें  बेस्ट स्टूडेंट अचीवर का नेशनल अवार्ड आईआरडीपी (इनोवेटिव रिसर्च डेवलपर्स एंड पब्लिशर्स) ग्रुप ऑफ जनरल्स, चेन्नई की ओर से आज रविवार को दिया गया।

सुल्तानपुर के निवासी हैं मनीष

मनीष कुमार त्रिपाठी पुत्र शैलेन्द्र कुमार त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से हैं। वर्तमान में वे ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में स्कूल फॉर एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग कॉलेज में कोर्स ऑफ एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग कर रहे हैं। आईआरडीपी (इनोवेटिव रिसर्च डेवलपर्स एंड पब्लिशर्स) ग्रुप ऑफ जनरल्स, चेन्नई की तरफ से हर साल शोधकर्ताओं, सहायक प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों, प्रोफेसरों, विद्यार्थियों सहित विभिन्न कैटेगरी में पुरस्कारों के लिए दुनिया भर से हर साल 50 प्रोफेशनल्स का चयन किया जाता है।

50 प्रोफेशनल्स का चयन किया गया

इस साल भी आईआरडीपी की ओर से 50 प्रोफेशनल्स का चयन किया गया। इनमें बेस्ट स्टूडेंट अचीवर नेशनल अवार्ड 2022 की कैटेगरी लिए मनीष कुमार त्रिपाठी का नाम चुना गया। बेस्ट स्टूडेंट अचीवर अवार्ड का पुरस्कार हर साल शिक्षा या किसी भी अन्य सह-पाठ्यचर्या या पाठ्येतर गतिविधियों में किसी भी स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए स्टूडेंट को दिया जाता है। उन्हें यह अवार्ड पुरस्कार रिसर्च और पब्लिकेशन की दिशा में उनके उल्लेखनीय कार्य और साथ ही साथ करिकुलर एंड को – करिकुलर एक्टिविटीज में विशेष उपलब्धि के लिए दिया गया। उन्होंने बेसिक एरोडायनामिक्स से संबंधित विषय पर रिसर्च किया और उससे जुड़े हुए प्रोजेक्ट का इनोवेशन किया। उनका यह रिसर्च और इनोवेशन एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग से जुड़े स्टूडेंट्स व  एविएशन से जुड़े लोगो के लिए काफ़ी मददगार साबित होगा।

पहले भी पा चुके हैं सम्मान

बतौर स्टूडेंट साइंटिस्ट मनीष कुमार त्रिपाठी को रिसर्च की दिशा में पहले भी साराभाई स्टूडेंट साइंटिस्ट अवार्ड 2021 और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इनोवेशन अवार्ड 2022 से उनके सराहनीय कार्य के लिए इसरो साइंटिस्ट द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उनकी  इस उपलब्धि से उनके माता-पिता और परिवार के लोग बेहद खुश हैं।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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