कार्यवाहक डीजीपी डा.डीएस चौहान ने ग्रहण किया प्रभार
प्रभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से नहीं की बातचीत
लखनऊ। डा.डीएस चौहान ने राज्य के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद का शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्हें बृहस्पतिवार को राज्य सरकार ने कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया था।
कार्यवाहक डीजीपी का प्रभार ग्रहण करने के बाद
वे सिग्नेचर बिल्डिंग मुख्यालय डीजीपी आफिस में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान प्रदेश की कानून व्यव्स्था सहित विभिन्न मुद्दों चर्चा हुई।
चर्चा के बाद डा. चौहान कार्यालय से निकल गए। उनके साथ अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार भी थे। वे एक साथ एक ही गाड़ी से रवाना हुए।
कार्यवाहक के रूप में डीजीपी का चार्ज लेने के बाद डीएस चौहान ने मीडिया से बातचीत नहीं की।
डा.चौहान 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बृहस्पतिवार को पत्र जारी करते हुए कहा था कि नए डीजीपी के चयन प्रक्रिया तक उत्तर प्रदेश पुलिस के विभागाध्यक्ष यानी डीजीपी के पद की जिम्मेदारी डीएस चौहान निभाएंगे।
कौन है देवेंद्र सिंह चौहान
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के करीबी माने जाने वाले देवेंद्र सिंह चौहान (डीएस चौहान) उत्तर प्रदेश के नए मुखिया बनाए जाने के लिए दावेदारों में पहला नंबर माना जा रहा है। 1988 बैच के आईपीएस अफसर डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान हैं। वर्तमान में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं। इनका रिटायरमेंट मार्च 2023 में होना है। वे 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलीजेंस के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. चौहान के पास उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक का भी कार्यभार है।
ये दावेदार भी हैं डीजीपी के लिए
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को बुधवार की रात अचानक राज्य सरकार ने हटा दिया था। योगी सरकार के इस फैसले के साथ ही डीजीपी के लिए दौड़ शुरू हो गई है। इस दौड़ में चार अधिकारियों के नाम हैं। पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राज कुमार विश्वकर्मा का है। दूसरे नंबर पर डीजी प्रशिक्षण आरपी सिंह और तीसरे नंबर पर डीजी सीबीसीआईडी गोपाल लाल मीणा का है। इन सबके अलावा एक और नाम इस दौड़ में है डीजी जेल आनंद कुमार का। योगी सरकार जल्द ही इनमें से तीन नाम की लिस्ट अगले DGP की मंजूरी के लिए केंद्र को भेज सकती है।
1987-88 बैच का आईपीएस बन सकता है डीजीपी
सरकार के सभी मानकों पर खरा उतरने के साथ अगले डीजीपी बनने के लिए वरिष्ठताक्रम के मानक को पूरा करना होगा। प्रदेश सरकार 1987-88 बैच के अधिकारियों में से डीजीपी को चुन सकती है। इनके नाम को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। फिर, संघ लोक सेवा आयोग मानक के हिसाब से तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को चुनेगा। इनमें से किसी एक को डीजीपी नियुक्त किया जाता है।