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कार्रवाईः बकायों को भुगतान नहीं करने व खऱीदारों के फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं कराने पर कई बिल्डर टावर की परिजनाएं सील

प्रोजेक्ट आफिस भी हुए सील, नोएडा विकास प्राधिकरण के ग्रुप हाउसिंग, नियोजन व वर्क सर्किल विभाग ने की कड़ी कार्रवाई

नोएडा। नोएडा विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईऔ) ऋतु माहेश्व री के निर्देश पर ने आज बृहस्पतिवार को ग्रुप हाउसिंग, नियोजन और वर्क सर्किल विभाग ने संयुक्त रूप से प्राधिकरण की बकाये धनराशि का भुगतान नहीं करने और फ्लैट खऱीदारों की लंबित रजिस्ट्री के शीघ्र निष्पादन नहीं कराने पर विभिन्न बिल्डरों की कई परियोजनों और बिल्डर के आफिस को सील कर दिया। बिल्डरों पर करोड़ों रुपये बकाया है। इस राशि को कई बार चेतावनी और नोटिस देने के बावजूद के लिए बिल्डर परियोजनाओं को सील कर दिया।

इनके खिलाफ की गई कार्रवाई

जिन बिल्डर परियोजनाओं में सीलिंग की कार्रवाई गई है। उनमें मैसर्स गार्डेनिया ऐम्स डेवलपर्स प्रा०लि० (जी0एच0 01, सेक्टर-48) शामिल है। कार्रवाई के तहत इसके एक टॉवर (डी-2) को सील कर दिया गया। इसमें लगभग 110 अन्सोल्ड (Unsold ) फ्लैट हैं। इसके अलावा प्रोजेक्ट ऑफिस को सील कर दिया गया है। यह प्रोजेक्ट 3 सितंबर 2009 को आवंटित किया गया था। इसमें 20 टॉवर स्वीकृत हैं। इनमें से 7 टॉवरों का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने के बाद अन्तिम अधिभोग निरस्त कर दिया है। 31 मार्च 2023 तक बिल्डर की प्राधिकरण के पर 603.15 करोड़ रुपये बकाया है।

लॉजिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर

मेसर्स लॉजिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. (जी0एच0-02 सेक्टर-137) के खिलाफ की गई कार्रवाई के तहत दो अन्सोल्ड (Unsold) फ्लैट, दो स्टोर स्थल, व मार्केटिंग ऑफिस को सील कर दिया गया है। यह प्रोजेक्ट 14 जनवरी 2010 को आवंटित किया गया था। इसमें 17 टॉवर स्वीकृत हैं, जिनमें से 10 टॉवर का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया गया। 31 मार्च 2023 तक बिल्डर की प्राधिकरण का 379.65 करोड़ रुपये बकाया था।

गार्डेनिया गेटवे इण्डिया

प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार मेसर्स गार्डेनिया गेटवे इण्डिया लि० जी०एच०-9 सेक्टर-75 ) के खिलाफ एक अन्सोल्ड (Unsold) फ्लैट सील को सील कर दिया गया। यह प्रोजेक्ट 12 जनवरी 2012 को को आवंटित किया गया था। इसमें 9 टॉवर स्वीकृत हैं जिनमें से किसी भी टॉवर का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। 31 मार्च 2023 तक बिल्डर पर प्राधिकरण पर 103.38 करोड़ रुपये बकाया है।

यह भी बिल्डर ने किया उलंघन

प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार उपरोक्त बिल्डर्स ने प्राधिकरण द्वारा बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के तुरंत निष्पादन कराने के लिए लाई गई प्रति फ्लैट Reschedulement की योजनाओं में भी आवेदन नहीं किया गया है। इनके साथ ही बिल्डरों पर बकाया धनराशि की वसूली के लिए जारी नोटिस के बाद भी किसी भी धनराशि का भुगतान प्राधिकरण को नहीं किया था।

प्राधिकरण ने दी चेतावनी

प्राधिकरण ने बिल्डरों को चेतावनी दी है कि बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के तुरंत निष्पादन और प्राधिकरण के बकायों की वसूली के लिए भविष्य में कार्रवाई बिल्डर परियोजनाओं के विरुद्ध की जाएगी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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