कार्रवाईः अवैध निर्माण को गिराने का विरोध कर रहे लोग गिरफ्तार
डूब क्षेत्र में बना दिया था फर्नीचर मार्केट, चला प्राधिकरण का बुलडोजर
नोएडा। यहां डूब क्षेत्र में बने अवैध फर्नीचर मार्केट को नोएडा विकास की टीम ने ढहा दिया। इस कार्रवाई का कुछ लोगों ने विरोध करने की कोशिश की। पुलिस ने ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
अवैध निर्माण को हटाने की दी थी चेतावनी
यहां पर्थला गोल चक्कर के पास कुछ लोगों ने फर्नीचर का अवैध मार्केट बना लिया था। यह अवैध मार्केट डूब क्षेत्र में आता है। सिंचाई, विभाग, जिला प्रशासन, नोएडा विकास प्राधिकरण सहित अन्य संबंधित विभागों ने डूब क्षेत्र में बने निर्माण को खुद हटा लेने का अनुरोध किया था लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। अब ऐसे निर्माण को नोएडा विकास प्राधिकरण ढहाने का काम कर रहा है।
नोएडा विकास प्राधिकरण की टीम बुलडोजर और भारी पुलिस बल के साथ पहुंची और अवैध निर्माण को बुलडोजर से ढहाने का सिलसिला शुरू किया।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
अवैध निर्माण को ढहाने का कुछ लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ सरकारी कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ऐसे लोगों की संख्या लगभग आधा दर्जन बताई गई है।
प्राधिकरण से की गई थी शिकायत
नोएडा के फेज तीन थाना क्षेत्र के डूब क्षेत्र में अवैध रूप से फर्नीचर की दुकानें अवैध रूप से बना ली गई थी इससकी शिकायत नोएडा प्राधिकरण से की गई थी। शिकायत को नोएडा विकास प्राधिकरण ने गंभीरता से लिया। प्राधिकरण की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुंची और सभी दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया।
जिस समय नोएडा विकास प्राधिकरण की टीम अवैध निर्माण को ढहा रही थी उस समय अवैध रूप से बना लिए गए दुकानों के मालिकों ने नोएडा विकास प्राधिकरण के बुलडोजर के सामने आकर विरोध करने लगे। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
सिंचाई विभाग ने पहले ही दे दी थी चेतावनी
सिंचाई विभाग ने गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में डूब क्षेत्र में बने अवैध निर्माण को लोगों से खुद ढहा देने का अनुरोध किया था। सिंचाई विभाग ने अपनी अपील में कहा था कि इस साल सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। इससे बाढ़ आने की आशंका है। बाढ़ से डूब क्षेत्र भी प्रभावित होगा। इसमें जनहानि की भी संभावना है। इस हानि की जिम्मेदारी सरकार, सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन या अन्य किसी सरकारी विभाग की नहीं होगी। न ही इसका कोई मुआवजा दिया जाएगा।