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Agreement broken: किसान हुए नाराज, कल करेंगे बैठक, आंदोलन की करेंगे घोषणा

किसानों और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के बीच किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी करने का हुआ था समझौता, अब शासन ने इनकार कियां

ग्रेटर नोएडा। किसान सभा, जनप्रतिनिधियों और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में हुए समझौते के तहत हाई पॉवर कमेटी के गठन से सरकार ने इनकार कर दिया है। इससे किसान नाराज हो गए हैं। किसान सभा ने कल इस मुद्दे पर शुक्रवार को बैठक बुलाई है। इसी बैठक आंदोलन की होगी।

क्या है मामला

किसान सभा, जनप्रतिनिधियों और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मध्य 24 जून को हुए समझौते के तहत औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी की अध्यक्षता में हाई पॉवर कमेटी का गठन होना था। इस कमेटी में प्रमुख सचिव औद्योगिक चेयरमैन, नोएडा व ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर, लोकसभा सदस्य डॉ.महेश शर्मा, विधायक तेजपाल नागर, विधायक धीरेंद्र सिंह और किसान प्रतिनिधि बतौर सदस्य शामिल होने थे। कमेटी को 15 जुलाई से पहले 10% आबादी प्लॉट, साढे 17% कोटा शिफ्टिंग की नीति, भूमिहीनों के 40 वर्ग मीटर के प्लॉट, रोजगार, नए कानून के तहत किसानों को लाभ आदि नीतिगत विषयों पर फैसला लेना था।

प्राधिकरण ने शासन की मंशा की जानकारी दी

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को शासन द्वारा प्रेषित पत्र में अवगत कराया गया है कि शासन ने प्राधिकरण स्तर के मुद्दों को प्राधिकरण स्तर पर तुरंत हल करने और बाकी मुद्दों को शासन स्तर पर फैसला लेने के लिए संदर्भित करने को कहा है। किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने पत्र का अवलोकन करते हुए प्राधिकरण अधिकारियों से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि यह सरासर धोखाधड़ी और वादाखिलाफी है।

पहले से ही आशंका थी

संयोजक वीर सिंह नागर ने बयान जारी करते हुए कहा है कि हमें पहले से इस बात की आशंका थी कि प्राधिकरण किसानों के साथ वादाखिलाफी करेगा। इसलिए किसान सभा मुस्तैदी से अपनी तैयारी कर रही है और हजारों की संख्या में फिर प्राधिकरण के दोनों गेट बंदकर आंदोलन के लिए तैयार है।

किसान सभा के उपाध्यक्ष ब्रह्मपाल सूबेदार ने कहा कि हमें इस बात की पहले से आशंका थी हमने सांसद सुरेंद्र नागर को समझौते में मध्यस्थ के तौर पर रखा है और उन्हें इस बात से अवगत करा दिया है कि प्राधिकरण लिखित समझौते से मुकर गया है। अब सांसद की जिम्मेदारी है कि वह समझौते को शासन स्तर से हाई पावर कमेटी का नोटिफिकेशन कराते हुए लागू कराएं। गवरी मुखिया ने कहा कि हम मुस्तैदी से तैयार हैं। हजारों की संख्या में युवा महिलाएं किसान सभी आंदोलन के लिए तैयार हैं।

कल होगी किसानों की बैठक

गवरी मुखिया ने कहा कि शुक्रवार को बैठक बुलाई गई है। तुरंत इस पर आगे आंदोलन की घोषणा की जाएगी। किसान सभा के सचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि अब जिला प्रशासन और प्राधिकरण अधिकारियों के पास यह बात कहने का कोई अवसर नहीं है कि आंदोलन स्थगित कर लो हम आपका कार्य करने को तैयार हैं। हमने इस संबंध में डीएम, सांसदों और विधायकों को भी अवगत करा दिया है। प्राधिकरण के अधिकारियों से भी बातचीत हो गई है। साफ तौर पर शासन ने किसानों से हुए समझौते के अनुसार हाई पॉवर कमेटी के गठन से इनकार किया है। इसलिए पूरी ताकत के साथ आंदोलन शुरू किया जाएगा।

वकीलों से मांगा सहयोग

किसान सभा ने आंदोलन को मजबूत करने के मकसद से सहयोगी जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता साथियों अध्यक्ष कालूराम चौधरी, सचिव नीरज तंवर, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र नागर, हरि राज सिंह, रामशरण नागर, पूर्व अध्यक्ष राजीव मुफ्ती हैदर, विनोद भाटी, देव पाल अवाना, जयदीप अवाना, मांगेराम भाटी, दीपक भाटी, प्रशांत राठी, सुरेश बसोया, देवराज बसोया सहित अन्य दर्जनों वकीलों का आभार प्रकट किया और आंदोलन के अगले चरण में उनसे सहयोग और समर्थन मांगा है। इस पर बार के अध्यक्ष कालूराम चौधरी ने आश्वस्त किया है कि पूरी बार एसोसिएशन किसान सभा के साथ खड़ी है। किसान सभा ऐतिहासिक आंदोलन लड़ रही है। उस आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने में बार एसोसिएशन पूरी तरह साथ है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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