एग्रीमेंट टू लीजः पूरे स्टांप शुल्क पर रजिस्टर्ड कराना बायर्स पर आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला कदम, प्राधिकरण फैसला ले वापस
ग्रेटर नोएडा (फेडरल भारत न्यूज) : यमुना प्राधिकरण तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एग्रीमेंट टू लीज के फैसले पर घर खरीदार की संस्था नेफ़ोवा ने गहरा रोष जताया है और इसे तुगलकी फरमान बताते हुए जबरन खरीदारों पर आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला कदम बताया है।
आर्थिक परेशानी बढ़ाने वाला कदम : अभिषेक
घर खरीदार की संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने ने इसे अन्यायपूर्ण एवं आर्थिक परेशानी बढ़ाने वाला तुगलकी फैसला करार देते हुए कहा कि जहां एक तरफ घर कब मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं रहती है और उससे पहले ही फ्लैट के मूल्य का कुल स्टैंप शुल्क जमा करवा देना कहां तक न्यायोचित है। इससे बेहतर यह होता कि पूरे फ्लैट मूल्य के बजाय 10% रकम के ही वैल्यू पर एग्रीमेंट टू लीज कर दिया जाता तो ज्यादा बेहतर होता।
खामियों भरा है फैसला: दीपांकर कुमार
घर खरीदारों के हक में आवाज उठाने वाले दीपांकर कुमार का कहना है कि प्राधिकरण को पहले नागरिक संगठनों से इस पर राय मशविरा करना चाहिए था एवं सुझाव लेने के बाद इसे अच्छे तरीके से लागू करवाना चाहिए था, क्योंकि वर्तमान आदेश में कई सारी खामियां हैं जिसका खामियाज़ा घर खरीदारों को भुगतना पड़ेगा।
मिनिमम शुल्क निर्धारित किया जाए : पांडे
ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी दिनकर पांडे ने बताया की आखिर प्राधिकरण अपने पड़ोसी राज्य हरियाणा से क्यों नहीं सबक लेकर एक मिनिमम शुल्क निर्धारित कर दे रहा है, जिससे बायर्स के हितो की रक्षा भी होगी और फ्लैट रजिस्टर्ड भी हो जाएगा।
क्या किया है बदलाव
वर्तमान समय में बिल्डरों द्वारा फ्लैट बुकिंग के बाद 100 रुपये के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट कर दिया जाता था, जिसमें बिल्डर मनमानी तरीके से धांधली करता था तथा फ्लैट को कैंसिल करके बायर्स को तंग करता था। इससे बचाने के लिए यमुना तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अब यह फैसला लिया है कि फ्लैट बुकिंग के 10% जमा होते ही बायर्स को एग्रीमेंट टू लीज करना होगा और पूरा स्टांप शुल्क शुरुआत में जमा करके रजिस्टर्ड करना होगा।