एआई वर्ष 2025: शिक्षा में क्रांति लाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
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अभी कुछ समय पहले तक अगर कोई कहता कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) हमारे जीवन को इतनी गहराई से प्रभावित करेगा, तो आम लोग इसे स्वीकार नहीं करते। लेकिन आज, एआई तेजी से हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बनता जा रहा है।शिक्षा के क्षेत्र में भी एआई का उपयोग तेज़ी से बढ़ रहा है। वर्ष 2025 में एआई टेक्नोलॉजी में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, और इसे ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने वर्ष 2025 को “एआई वर्ष” घोषित किया है।
अब शिक्षक और छात्र बड़े पैमाने पर डेटा का विश्लेषण करने के लिए एआई का लाभ उठा सकते हैं। एआई न केवल शिक्षा में आने वाली बाधाओं को तोड़ रहा है, बल्कि इसे अधिक प्रभावी और समावेशी भी बना रहा है। जैसे-जैसे एआई विकसित हो रहा है, शिक्षा में इसके उपयोग की संभावनाएँ भी बढ़ रही हैं, जिससे भविष्य में सीखने की प्रक्रिया अधिक व्यक्तिगत और सुलभ होगी।
तो, वास्तव में एआई का उपयोग शिक्षा में कैसे किया जा सकता है?
आज, कई ऐसे एआई-आधारित टूल उपलब्ध हैं जो प्रत्येक छात्र की सीखने की शैली और गति के अनुसार शैक्षिक सामग्री तैयार कर सकते हैं। इससे उन छात्रों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा जो धीरे-धीरे सीखते हैं।
दूसरी ओर, एआई शिक्षकों का कार्यभार भी काफी कम कर सकता है। लेसन प्लान तैयार करने से लेकर पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन बनाने तक, कई प्रशासनिक कार्य एआई की मदद से स्वचालित किए जा सकते हैं। योर स्टोरी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि शिक्षण संस्थान एआई को प्रशासनिक कार्यों में अपनाते हैं, तो उनका कार्यभार
लगभग 20% तक कम हो सकता है।
“एआई वर्ष” भारत की तकनीकी शिक्षा को और अधिक प्रासंगिक और उन्नत बनाएगा। इस बदलाव का देश के तकनीकी भविष्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा और यह शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करने में सहायक होगा। इसके परिणामस्वरूप, भारत वैश्विक स्तर पर अपने शैक्षिक दृष्टिकोण को और व्यवस्थित रूप से सशक्त बना सकेगा।